केंद्र सरकार ने बुधवार को तालाबंदी के 35 दिनों बाद प्रवासी श्रमिकों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिक, छात्र और पर्यटक अपने घरों को जा सकते हैं। केंद्र के इस निर्णय के बाद बिहार सरकार कोटा में फंसे छात्रों और देश के विभिन्न राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने की दिशा में कार्य कर रही है।
बाहर से छात्रों और प्रवासी श्रमिकों को लाने की प्रक्रिया के संबंध में मुख्य सचिव बैठक कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कोटा में फंसे छात्रों और प्रवासी श्रमिकों को बस से लाया जाएगा। बिहार की सीमा पर सभी की जांच होगी। जांच के बाद उन्हें होम संगरोध में रखा जाएगा। बिहार सरकार पूरे देश में बस नहीं भेज सकती। इसके लिए दूसरे राज्यों से संपर्क किया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तालाबंदी के कारण दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, श्रमिकों, पर्यटकों और अन्य व्यक्तियों को आवागमन में छूट देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी लंबे समय से मांग थी। केंद्र सरकार का यह निर्णय उपयुक्त और स्वागत योग्य है।
हमारी मांग पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक निर्णय लिया है। इससे बड़ी संख्या में बिहार आने के इच्छुक छात्रों, प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों और श्रद्धालुओं समेत अन्य व्यक्तियों को वापस लौटने में सरलता होगी। केंद्र सरकार के इस निर्णय से उन व्यक्तियों को बड़ी राहत मिली है। यह आदेश पूर्णरूपेण जनहित में है और इसका सबको पालन करना चाहिए। बिहार सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत केंद्र द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का सदैव पालन किया है।