आर्थिक प्रगति के मामले में बिहार ने लंबी छलांग लगाते हुए राष्ट्रीय औसत से श्रेष्ठतर प्रदर्शन किया है। राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण में वित्तीय वर्ष 2018-19 में 10.53 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही गई है।
राज्य के वित्त मंत्री सुशील मोदी की ओर से प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 10.53 प्रतिशत और बाजार मूल्य पर 15.01 प्रतिशत रही। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 5,57,490 करोड़ रुपये रहा है और और स्थिर मूल्य पर 3,94,350 करोड़ रुपये रहा।
अब यदि राज्य के नेट एसडीपी यानी राज्य घरेलू उत्पाद की बात की जाए तो यह 5,13,881 करोड़ रुपये रहा। आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करने के बाद वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राज्य की वृद्धि में हवाई परिवहन, अन्य सेवाओं, ट्रेड और रिपेयर सर्विसेज, सड़क परिवहन और वित्तीय सेवाओं का रहा है। राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार इन सभी सेक्टर्स ने डबल डिजिट वृद्धि दर्ज की है।
हवाई सेवाओं की वृद्धि 36 प्रतिशत बढ़ी
सर्वेक्षण के अनुसार एयर परिवाहन में 36 प्रतिशत की दर से इजाफा हुआ। अन्य सेवाओं में 20 प्रतिशत, ट्रेंड और रिपेयर सर्विसेज में 17.6 प्रतिशत, सड़क परिवन के क्षेत्र में 14 प्रतिशत और वित्तीय सेवाओं में 13.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के संसाधनों में भी राज्य की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने सेंट्रल पूल में राज्य की हिस्सेदारी को 2020-21 के लिए 9 .67 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 .06 प्रतिशत कर दिया है।
देश की विकास दर घटी, बिहार की ऊंचाई पर
आर्थिक मोर्चे पर बिहार के इस प्रदर्शन को सराहनीय माना जा सकता है। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2017-18 की जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रही थी, जबकि पूरे वित्त वर्ष में देश का आर्थिक विकास 7.2 प्रतिशत की दर से हुआ। 2017-18 के पूरे वित्त वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर के मुकाबले वित्त वर्ष 2018-19 में इस आंकड़े में बड़ी गिरावट आई है। नैशनल काउंसिल ऑफ अप्लायड इकनॉमिक रिसर्च ने भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।