रविवार का दिन देश और विशेषकर बिहार के लिए काला दिन सिद्ध हुआ। सुबह के पांच बजे थे। लोग गहरी नींद में थे। लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही वे भीषण आग की चपेट में आ गए। आग और प्लास्टिक की जहरीली गैस ने 43 जिंदगियां छीन लीं। इनमें अधिकतर बिहार के श्रमिक हैं। मरनेवालों में तीन छोटे बच्चे भी हैं।
जहरीली गैस के कारण लोग सांस तक नहीं ले पा रहे थे। अधिकांश लोगों की मृत्यु कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस के कारण हुई। वे लोग किस्मतवाले थे, जो दरवाजे के पास साए थे। जो भीतर सोए थे, उन्हें बस इतना ही पता चल सका कि अचानक मृत्यु सामने आ गई है। फैक्ट्री में टोपी बनाने वाला कर्मचारी फिरोज खान किस्मतवाला रहा। वह दरवाजे के पास सो रहा था।
इसी से वह बच निकलने में सफल रहा। लेकिन कमरे में अंदर सो रहे दूसरे लोग इतने भाग्यशाली नहीं थे। मुशर्रफ ने किसी तरह अपने दोस्त को फोन किया। हैलो मोनू भैया, आग लग गई है। आ जाइयो करोलबाग। टाइम कम है और भागने का कोई रास्ता नहीं है। समाप्त हुआ भैया मैं तो, घर का ध्यान रखना। अब तो सांस भी नहीं ली जा रही।
उसने कराहते हुए या कला्लाह कहा था और उसके बाद फोन बंद हो गया। कोई कला्लाह को पुकार रहा था, कोई भगवान को, पर धुएं में किसी को कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा था। आग और गैस इतनी तेजी से फैली की कई लोग कि कई लोगों को उठने का मौका भी नहीं मिला। दिल दहला देनेवाला मंजर था।
मौत सामने खड़ी दिख रही थी, पर उससे बचने का कोई उपाय नहीं था। बचाने की पुकार सुननेवाला कोई नहीं था। आग बुझाने के लिए 30 फायर टेंडर मौके पर थे। 150 दमकलकर्मियों को भी लगाया गया। इन्हीं में से एक थे फायरमैन राजेश शुक्ला, जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर 11 लोगों की जान बचाई। गली संकरी होने के कारण भी बचाव कार्य में परेशानी आ रही थी।
- समस्तीपुर- अब्बा ने फोन कर बताया कि नहीं रहा भाई खालिद
निरपुर भररिया पंचायत की रूबेदा खातून सुबह ठंड के कारण लेट से उठी थी। वह घर में खाना बनाने की तैयारी कर रही थी। उसके घर में रखा छोटा मोबाइल फोन बजता है। फोन उठाने उसके पिता की मो। सब्बीर का आवाज सुनाई पड़ती है। रूबेदा भाई खालिद कला्लाह को प्यारा हो गेलो(मर गया) फैक्ट्री में जल गेलऊ। इसके साथ रूबेदा की चीख सुनकर परिवार के लोग भी जुट जाते हैं। फिर देखते -देखते पूरे गांव में महिलाओं के चीखने -चिल्लाने की आवाज आरम्न्भ हो जाती है। रूबेदा रोते हुए बताती दो दिन पूर्व ही उसे अपने बड़े भाई खालिद से फोन पर बातचीत हुई थी। वह शीघ्र ही गांव लौटने वाला था। खालिद बोल रहा था गांव में बहुत ठंड है वहां लेदर का जैकेट लाएगा। यह करते हुए रूबेदा जोर-जोर से रोने लगती है।
- सहरसा- नरियार में मचा कोहराम गांव के 5 लोगों की मौत
दिल्ली में लगी आग में जिले के छह लोगों की मृत्यु हो गई। मरने वालों में पांच नरियार गांव के जबकि एक नवहट्&zwnj टा के हैं। दो लोग अब भी लापता है। नरियार गांव के मरने वालों में मो। खुर्शीद आलम का बेटा मो। फैसल, मो। सत्तार का बेटा मो। ग्यास, मो। सत्तार का दूसरा बेटा मो। मुबारक, मो। जुम्मन का बेटा मो। संजार, मो। शमशेर का बेटा मो। राशिद, मो। हलीमुद्दीन का बेटा मो। सजीम, मीर आलम का बेटा मो। अफजल सम्मिलित हैं। नवहट्&zwnj टा के मो। अफसार की भी मृत्यु हो गई है। कलाीमुद्दीन का बेटा मो। फरीद और भोला का लड़का मो। नजीर लापता हैं। परिजनों ने बताया कि रविवार सुबह 9 बजे घटना की सूचना मिल गई। खबर मिलते ही नरियार गांव में कोहराम मच गया।
- मुजफ्फरपुर- एक गांव के 3 लोगों की मौतों से नहीं जले चूल्हे
थाना क्षेत्र की कटाई पंचायत के उफरौली गांव निवासी मो। इस्लाम नादफ के 24 वर्षीय पुत्र मो। राजू और मो। इस्माइल नादफ के पुत्र मो। बबलू और मोहम्मद तौकीर की मौत के बाद परिजनों समेत पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। घटना की खबर सुन बहन समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पंचायत के सरपंच मो। खुर्शीद ने बताया कि गांव के लोग एक साथ तीन मृत्यु की खबर सुन सदमे में हैं। घटना को लेकर कई घरों में चूल्हे तक नहीं जले। मो। तौहीद के 20 वर्षीय पुत्र मो। तौकीर की मृत्यु की जानकारी के बाद परिजनों समेत पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। तौकीर का एक भाई चेन्नई, दूसरा भाई बेंगलुरू में रहता है।
- मधुबनी- साथी को बचाने गया तो अंदर ही रह गया साकिर
मधुबनी | दिल्ली की अनाज मंडी के पास रविवार की सुबह अाग लगने से खजाैली के माे। साकिर की झुलसकर माैत हाे गई। वहीं, करमाैली के भलनी का माेकिन गंभीर रूप से झुलस गया। भलनी का ही जियाउल रहमान लापता बताया जा रहा है। मो.साकिर के परिजनों के अनुसार मो। साकिर उसका बड़ा भाई और उसका पिता मो। ताहीर दिल्ली में ही रिक्शा ठेला चलाकर मेहनत मजदूरी करते हैं। जबकि उसकी माता मैमून खातून ने बताया कि मो। साकिर दिल्ली स्थित फैक्टरी में टोपी सिलाई का वहां कार्य करता था।