हर दो वर्ष पर फैक्ट्रियाें का फायर आॅडिट होना जरूरी है, लेकिन यह नहीं होता है। पटना सिटी से लेकर आसपास के इलाकों की संकरी गलियों में छोटी-छोटी फैक्ट्रियां लगी हैं। उनमें फायर फाइटिंग सिस्टम है ही नहीं। एनओसी लेना तो दूर की बात है। नगर निगम व पीअरडीए की अनुमति लिए बिना फैक्ट्री खुल जाती है। उत्पादन होने लगता है। यह सब प्रशासन की जानकारी में रहता है। बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बनी रहता है। फायर सर्विस मुख्यालय व स्थानीय फायर स्टेशन भी कुछ नहीं करते। जब कहीं आग लगती है, तब फायर सर्विस मुख्यालय की नींद टूटती है और आनन-फानन में कुछ आदेश दे दिए जाते हैं। कुछ दिन बाद तक कार्रवाई होती है, फिर अगले दुर्घटना तक इसे बंद कर दिया जाता है।
24 मई को सूरत के एक ट्यूशन सेंटर में आग लगने से 20 छात्रों की मृत्यु के बाद मुख्यालय ने सभी फायर कमाडेंट को स्कूलों, काेचिंग संस्थानों से लेकर अस्पतालों व प्रतिष्ठानों में फायर ऑडिट कर 30 मई इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा था। पर, समय गुजरने के साथ सब शांत हो गया।
पटना|दिल्ली अग्निकांड में बड़ी संख्या में बिहारियों की मृत्यु के बाद जल संसाधन मंत्री व जदयू दिल्ली के प्रभारी संजय झा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को कटघरे में खड़ा किया। कहा- केजरीवाल ने पांच वर्ष में कैसी दिल्ली बना दी है? मंत्री ने अनाज मंडी अग्निकांड की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार मामले को गंभीरता से ले और दोषियों की पहचान कर उनपर कार्रवाई करे। देश की राजधानी में हुई इस त्रासदी के दोषियों को क्षमा नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मंत्री ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। घायलों का हालचाल लेने लोकनायक जयप्रकाश नारायण चिकित्सालय भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने उन्हें पल-पल की जानकारी देते रहने का भी निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में उपस्थित बिहार सरकार के पदाधिकारियों को पीड़ित परिजनों के पास जाकर उनकी सहायता करने के लिए कहा है।
बिहार स्टेट अधिकारी काे फायर फाइटिंग विशेषज्ञ होना चाहिए। 2017 से पहले फायर के विशेषज्ञ ही इस पद पर तैनात हाेते रहे हैं, पर इसके बाद आईपीएस को इस पद पर बैठा दिया गया। इस पद के लिए उन्हें बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, फायर होना जरूरी है। 2017 से नाॅन टेक्निकल अधिकारी को बिहार स्टेट फायर अधिकारी बनाया जाता रहा है। मुख्यालय में कंसल्टेंट तक नहीं है। कंसल्टेंट के लिए बीई या डीओ फायर होना जरूरी है।
सहायक स्टेट फायर अधिकारी राशिद जमां ने बताया कि पटना समेत जिलों से फायर ऑडिट होती है। इसकी रिपोर्ट आती है। रिपोर्ट के अनुसार इसपर संबंधित अधिकारियों को आदेश जारी किए जाते हैं। मुख्यालय से बराबर फायर सिस्टम लगाने के आदेश फैक्ट्रियों को जाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि मैं अत्यन्त दुखी और मर्माहत हूं। दिल्ली सरकार घायलों को श्रेष्ठतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि दुर्घटना के शिकार अधिकतर लोग बिहार से हैं। केंद्र और दिल्ली सरकार से आग्रह है कि इन मौतों का उत्तरदायित्व फौरी तौर पर तय करते हुए आगे से ऐसी सुरक्षा चूक न हो, यह सुनिश्चित करें।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार से मृतकों के परिजनों को उचित क्षतिपूर्ति और सरकारी नौकरी देने की मांग की। फजल इमाम मल्लिक ने कहा कि आग की घटना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आग्रह की। शाेक जताने वालों में तेजप्रताप यादव व मीसा भारती भी थे।
केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे अनाज मंडी में लगी भीषण अग्निकांड में घायल लोगों का हालचाल जानने लोकनायक जयप्रकाश नारायण हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने घायल लोगों से मुलाकात की और उनके उपचार की जानकारी ली। केंद्रीय मंत्री ने चिकित्सालय प्रशासन को सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। रविवार की सुबह आग की खबर मिलते ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर वे दिल्ली पहुंचे।
पूर्व स्टेट फायर अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि फैक्ट्री खोलने से पहले कम से कम प्रशासन, फायर, नगर निगम से एनओसी लेना जरूरी होता है। फैक्ट्री लगने के लिए कम से कम 20 फीट का रास्ता होना चाहिए। वहां दो रास्तों का होना जरूरी है। अहम स्थानों पर छोटे-छोटे अग्निशमन यंत्र लगे होने चाहिए। इसके अतिरिक्त वहां फायर सिस्टम लगना जरूरी है। पटना की 90% फैक्ट्रियों में यह नहीं है।