केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 17 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2 घंटे और 40 मिनट लेते हुए सबसे लम्बा भाषण दिया। समय के हिसाब से इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह के सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड था। जसवंत सिंह ने 2 घंटे 13 मिनट का भाषण दिया था।
सबसे लम्बे भाषणों की सूचि में उसके बाद अरुण जेटली हैं जिन्होंने ने 2 घंटे और 10 मिनट का समय लिया था।
वर्ष 2019 में निर्मला सीतारमण द्वारा दिए गए भाषण को भी हम इस ‘लम्बे भाषण’ की सूचि में रख सकते हैं। निर्मला ने उस समय भाषण पढने में 2 घंटे 5 मिनट का समय लिया था है।
इसके साथ ही निर्मला सीतारमण लगातार दूसरी बार बजट प्रस्तुत करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री बन गई हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी भी लगातार दो बार बजट प्रस्तुत कर चुकी हैं, लेकिन उनके पास वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था।
शब्दों के हिसाब से मनमोहन सिंह का बजट भाषण सबसे लम्बा
समय के हिसाब से निर्मला सीतारमण का भाषण भले ही सबसे लंबा हो, लेकिन शब्दों के मामले में सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह के नाम है। मनमोहन सिंह ने वर्ष 1991 में बजट प्रस्तुत करते हुए 18,650 शब्दों का भाषण दिया था।
इस मामले में उनके बाद स्वर्गीय अरुण जेटली का नाम आता है। तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर भी अरुण जेटली का ही नाम आता है।
हीरूभाई पटेल ने दिया था सबसे छोटा भाषण
सबसे छोटे भाषण का रिकॉर्ड हीरूभाई पटेल के नाम है, जिन्होंने वर्ष 1977 में 800 शब्दों का सबसे संक्षिप्त भाषण दिया था।
मोरारजी देसाई सर्वाधिक बजट प्रस्तुत करने वाले
सबसे अधिक बार बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड मोरारजी देसाई के नाम पर है, जिन्होंने सर्वाधिक 10 बार बजट प्रस्तुत किया। मोरारजी देसाई के बाद पी चिदंबरम का नाम आता है, जिन्होंने 9 बार बजट प्रस्तुत किया।
बजट से सम्बंधित कुछ अन्य रोचक तथ्य
- भारत में 7 अप्रैल, 1860 को ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा ब्रिटिश क्राउन के अन्तर्गत पहला बजट प्रस्तुत किया गया था। बजट प्रस्तुत करने वाले पहले वित्त मंत्री जेम्स विल्सन थे।
- स्वतंत्र भारत में पहला बजट वित्त मंत्री ‘आर.शन्मुखम चेट्टी’ द्वारा 26 नवंबर, 1947 को प्रस्तुत किया गया था।
- स्वतंत्र भारत का पहला बजट केवल 7 माह के लिए ही प्रस्तुत किया गया था।
- वर्ष 2000 तक सायं 5 बजे बजट प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 2001 में बजट प्रस्तुत करने के समय में परिवर्तन कर इसे सुबह 11 बजे कर दिया था। उसके बाद से हर बार सुबह 11 बजे ही बजट प्रस्तुत किया जाता है।
- भारत में पहली बार कॉरपोरेट कर की शुरूआत 1987 के बजट से राजीव गांधी की सरकार में की गई थी।
- मोरारजी देसाई ने दो बार वर्ष 1964 में और वर्ष 1968 में अपने जन्मदिन के अवसर पर बजट प्रस्तुत किया था।