नई दिल्ली – महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत ३ व्यक्तियों के भीड़ द्वारा वध किये जाने के मामले में केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन लगाया और मामले की सूचना ली।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस वीभत्स घटना पर एक रिपोर्ट भी मांगी है।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालाय की ओर से सोमवार प्रातः कहा गया कि ‘पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने २ साधुओं, २ चालक और पुलिसकर्मियों पर आक्रमण किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पालघर भीड़ द्वारा वध किये जाने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्विटर पर इस बात की सूचना देते हुए कहा कि घटना के लिए उत्तरदायी लोगों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। अपने ट्वीट में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने कहा, “पालघर, महाराष्ट्र में हुई जूना अखाड़ा के सन्तों स्वामी कल्पवृक्ष गिरि जी, स्वामी सुशील गिरि जी व उनके चालक नीलेश तेलगड़े जी की हत्या के सम्बन्ध में कल सायं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी से बात की और घटना के उत्तरदायी तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हेतु आग्रह किया। “
एक और ट्वीट में योगी ने लिखा, “महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह बताया गया कि कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा शेष को चिन्हित कर सभी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। “
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष संत महंत नरेंद्र गिरि ने इस हत्या की कड़ी निंदा की। उन्होंने सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया है कि तालाबंदी के समय यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है, तो उसकी समाधि में न जाएं। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, “ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में सम्मिलित होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होगा। तालाबंदी में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी। लेकिन जिस तरह से साधु महत्माओं को लाठी डंडे से मारा गया है, यह जांच का विषय है। ”
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार को चाहिए कि वह इसकी जांच करे। हम तालाबंदी के समाप्त होने के बाद सभी अखाड़ों के सदस्यों को लेकर महराष्ट्र सरकार का घेराव करेंगे। “
पालघर के गड़चिनचले गांव में दो साधुओं की पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई। दोनों साधु मुंबई से गुजरात जा रहे थे। किसी ने उनके चोर होने की अफवाह उड़ा दी। तद्पश्चात अपराधियों की भीड़ उनके ऊपर टूट पड़ी।
यह पूरी घटना वहां उपस्थित कुछ महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों के सामने हुई जिन्होंने किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया अपितु साधुओं को अपराधियों के हाथ सौंप दिया।
आरोपियों ने साधुओं के साथ एक चालक और पुलिसकर्मियों पर भी आक्रमण किया। आक्रमण के बाद साधुओं को चिकित्सालय ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।