चीन के वुहान में कोरोनावायरस तेजी से फैलता जा रहा है। इसे रोकने के लिए शहर के 50 लाख से अधिक लोग घरों में बंद हैं। लेकिन इस मुश्किल दौर में भी लोग आपस में हौसला बढ़ा रहे हैं और एकजुटता दिखा रहे हैं। फ्लैट्स और अपार्टमेंट्स की खिड़कियों से एक-दूसरे को चीयरअप करते देखे जा सकते हैं। कुछ लोग घर में या होटल में मेडिकल वर्कर्स और प्रशासन के अन्य लोगों के लिए खाना बनाकर बांट रहे हैं। इस बीच, चीन में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या मंगलवार को 107 हो गई। बीते 24 घंटे में 1300 नए मामले सामने आए थे। अब तक 4409 मामलों की पुष्टि हुई है।
सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर हो रहे हैं, उनमें लोग अपनी खिड़कियों से वुहान जियायू (Wuhan jiayou) चिल्लाते देखे जा सकते हैं। इसका मतलब, ' आगे बढ़ते रहो वुहान' , या ' मजबूत रहो वुहान' । जैसे ही यह शब्द गूंजता है। दूसरे लोग चिल्लाकर साथ देते देखे जा सकते हैं। उधर, चीन के सोशल मीडिया पर भी वुहान जियायू ट्रेंड कर रहा है। लोग एकजुटता दिखा रहे हैं। मैसेज और पोस्ट में कह रहे हैं कि हम इस मुसीबत से बाहर निकलेंगे। सुदृढ़ रहो वुहान..। पूरा देश आपके साथ है।
चीन में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या मंगलवार को 107 हो गई। बीते 24 घंटे में 1300 नए मामले सामने आए। चीन के हेल्थ कमीशन ने सोमवार को बताया कि हुबेई प्रांत में सबसे अधिक 100 लोगों की जान गई है।वुहान शहर सबसे अधिक प्रभावित है। दुनियाभर में अब तक कोरोनावायरस से संक्रमण के 4515 मामलों की पुष्टि हुई। इनमें 4409 सिर्फ चीन में हैं।
बीजिंग समाचार साइट के अनुसार, वुहान में कई अस्पतालों में भोजन की कमी महसूस की जा रही है। वहीं, मेडिकल स्टाफ को 24 घंटे कार्य काम करना पड़ रहा है। लोग इनकी सहायता के लिए भी आगे आ रहे हैं। हाल ही में रेस्टारेंट खोलने वाले ली बो ने कहा कि इस आपदा के कारण से मेरा कारोबार ठप हो गया है। मैंने लोन लेकर कारोबार आरम्न्भ किया था, लेकिन मुसीबत में यह मायने नहीं रखता है। मैं चाहता हूं कि मेरा प्यारा शहर फिर से दौड़ने लगे। यहां शीघ्र सबकुछ ठीक हो। उन्होंने 26 और 27 जनवरी को फूड पैक वितरित किए।
कोरोनावायरस से बचने के लिए चीन में फेस मॉस्क की मांग बढ़ने से कई इलाकों में इनकी भी कमी महसूस की जा रही है। हुबई प्रांट के चांगडे गांव के एक व्यक्ति ने 15 हजार फेस मॉस्क दान करने का निर्णय किया है। हाओ जान ने बताया कि वह जिस फैक्ट्री में कार्य करता था, उसने वेतन देने से मना कर दिया और उसकी एवज में 15 हजार मॉस्क देने का प्रस्ताव रखा। मैं उन्हें घर ले आया। मुझे पता चला कि प्रांत में कोरोनावायरस के कारण से मॉस्क की किल्लत हो रही है, तो मैंने इन्हें दान देना आरम्न्भ कर दिया है।