चीन के उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई ने कहा है कि भारत और चीन को अब अपने संबंधों के उतार-चढ़ाव के आश्चर्यजनक चक्र को तोड़ना चाहिए और सारे विवादों को खत्म करना चाहिए। 28 और 29 नवंबर को हुई भारत-चीन थिंक टैंक फोरम में झाओहुई ने कहा कि 21वीं सदी में भारत और चीन का उदय सबसे महत्वपूर्णऐतिहासिक क्षणों में से एक है। दोनों देशों को अब इस शताब्दी को एशियाई सदी बनाने के लिए कार्य करना चाहिए।
भारत में चीन के राजदूत रह चुके झाओहुई ने कहा कि अब दोनों देशों को अपने बीच की दूरियों को नियंत्रित करने की जगह द्विपक्षीय संबंधों के उतार-चढ़ाव खत्म करने चाहिए। इसके अतिरिक्त एक-दूसरे पर विश्वास पक्का करना चाहिए। झाओहुई के अनुसार, दोनों देशों को एक साथ विकास के मौके और शांति से जीने के रास्ते ढूंढने होंगे।
भारत-चीन थिंक टैंक फोरम की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2015 में चीन दौरे पर की गई थी। यह फोरम हर वर्ष भारतीय काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (आईसीडब्ल्यूए) और चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज (सीएएसएस) की तरफ से किया जाता है। इस वर्ष फोरम का विषय था- एशियाई सदी में भारत-चीन के संबंध। भारतीय दूतावास की तरफ से जारी वक्तव्य के अनुसार, इसमें दोनों देशों के बीच विकास की नीतियों और अनुभवों के अतिरिक्त संचार और संस्कृति पर भी गहन चर्चा हुई। इससे दोनों देशों को एक-दूसरे के बारे में जानने का बहुत मौका मिला।”
भारत की तरफ से 15 सदस्यीय डेलिगेशन का नेतृत्व आईसीडब्ल्यूए के डायरेक्टर टीसीए राघवन ने किया। डेलिगेशन में भारत की तरफ से चीन में राजदूत रह चुके अशोक कांठा, सौमेन बागची (डिप्टी डायरेक्टर आईसीडब्ल्यूए), दिलीप चिनॉय (सेक्रेटरी जनरल, फिक्की) और अन्य संस्थाओं के लोग सम्मिलित हुए।