1 दिसंबर को होने वाले एनआईटी के 10वें दीक्षांत समारोह में पहली बार संस्थान के दो ओवर ऑल टॉपर स्टूडेंट को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। इसमें सिमरन गोयल और ईशान सिंघल सम्मिलित हैं। दोनों कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के स्टूडेंट हैं। इन्हें एक समान 9.76 सीपीआई मिले हैं। सिटी पत्रकार से विशेष बातचीत में सिमरन ने बताया कि वो एनआईटी रायपुर से नहीं पढ़ना चाहती थीं। उनकी ख्वाहिश आईआईटी मुंबई से पढ़ना था। 12वीं में 94 परसेंट मिले थे। एंट्रेंस एग्जाम में थोड़े से कम मार्क्स के कारण से आईआईटी नहीं मिला। कल 30 नवंबर को परिसर में ही दोपहर 2 बजे से दीक्षांत की रिहर्सल होगी। दीक्षांत में बतौर मुख्य गेस्ट विप्रो के सीईओ और एमडी आबिद कलाी नीमचवाला सम्मिलित होंगे।
दीक्षांत में इस बार 1073 स्टूडेंट को डिग्री दी जाएगी। 24 स्टूडेंट्स को गोल्ड, 25 स्टूडेंट को सिल्वर और 47 स्टूडेंट को पीएचडी की उपाधि से नवाजा जाएगा। दीक्षांत में ड्रेसकोड बॉयज के लिए व्हाइट कुर्ता व पायजामा और गर्ल्स के लिए व्हाइट सलवार सूट व साड़ी रखा गया है। समारोह सुबह 11 बजे से आरम्न्भ हो जाएगा।
ईशान सिंघल ने बताया, मेरी फैमिली में सब डॉक्टर हैं। पिता डॉ. अरविंद कुमार सिंघल जनरल सर्जन हैं। मम्मी सारिका गायनेकोलॉजिस्ट हैं। बहन संजोली भी डॉक्टर है। मुझे मैथ्स में इंट्रेस्ट था। पैरेंट्स ने कहा जो पसंद है वो पढ़ो। 12वीं में 92.8 परसेंट मिले थे। मेरा सलेक्शन मुंबई और नागपुर के कॉलेज में भी हो गया था, लेकिन रायपुर एनआईटी घर के पास था इसलिए यहीं एडमिशन ले लिया। मुझे सीएस ब्रांच चाहिए थी लेकिन एडमिशन के समय मेटलर्जी डिपार्टमेंट ही मिला। फिर पता चला कि अच्छे नंबर लाने पर आप ब्रांच चेंज कर सकते हैं, इसलिए पहले सेमेस्टर में मन लगाकर पढ़ाई की। अच्छे नंबर से पास हुआ और मैटलर्जी से सीएस डिपार्टमेंट में स्थानान्तरण हो गया। मैं रात भर पढ़ने वाला स्टूडेंट नहीं रहा। शाम को पढ़ने के बाद सो जाता था। एग्जाम से एक दिन पहले दोस्तों के साथ पिछले वर्षों के पेपर और विशेष टॉपिक्स पर ग्रुप डिस्कशन करता था। इससे टॉपिक को समझने में सरलता होती। वर्तमान में दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं। मुझे यही एग्जाम क्रैक करना है, इसलिए परिसर प्लेसमेंट में भी सम्मिलित नहीं हुआ।
सिमरन गोयल कहती हैं, मैं रायगढ़ की रहने वाली हूं। 12वीं में 94 परसेंट मिले थे। आईआईटी मुंबई में एडमिशन लेना चाहती थी। एंट्रेंस एग्जाम के मार्क्स के बेस पर एनआईटी ही मिला। तब बहुत दुख हुआ। कॉलेज जाने लगी तो कुछे महीने में सब ठीक लगने लगा। डेली क्लास अटैंड करती थी। पढ़ाई के अतिरिक्त अदर एक्टिविटीज में भाग लेना मुझे पसंद रहा है। डांस मुझे अत्यंत पसंद है। परिसर में बनी कई कमेटी की मेंबर भी रही। कम्प्यूटर की फील्ड में होने वाले नए-नए बदलाव के बारे में प्रोफेसर की हेल्प से परियोजना बनाकर जूनियर्स को गाइडेंस देती थी। जब भी कोई प्रॉब्लम होती थी मां से बात करती थी। वो मेरा हौसला बढ़ातीं थीं। कहती थीं कि तुम हैंडल कर सकती हो। पिता सुनील गोयल बिजनेसमैन हैं। वर्तमान में हैदराबाद में एक कंपनी में जॉब कर रही हूं। कुछ वर्ष जॉब करने के बाद एमबीए करने की प्लानिंग कर रही हूं।