देश में चायनीज़ वायरस कोरोना से संक्रमित रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वैश्विक महामारी को झेल रहे अन्य प्रान्तों की तरह बिहार भी अछुता नहीं हैं। चीन द्वारा प्रसारित इस संक्रमण के विरुद्ध चल रहे संघर्ष के बीच बिहार सरकार ने सहायता पैकेेज की घोषणा की है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिकित्सकों और अन्य चिकित्साकर्मियों को एक माह का अतिरिक्त मूल वेतन प्रोत्साहन राशि के तौर पर देने का घोषणा की है।
- सहायता पैकेज के तौर पर राशन कार्डधारी परिवारों को एक महीने का राशन नि:शुल्क देने की घोषणा की गई है।
- वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन के अंतर्गत सभी को तीन माह की पेंशन तत्काल अग्रिम तौर पर ही दी जाएगी। यह राशि सीधे उनके खाते में डाली जाएगी।
- लॉकडाउन क्षेत्र के सभी नगर निकाय और प्रखंड मुख्यालय की पंचायत में सभी राशनकार्ड धारी परिवारों को एक हजार रुपये प्रति परिवार दिया जायेगा। यह राशि सीधे उनके खाते में डाली जाएगी।
- 1 से 12वीं कक्षा तक के सभी छात्रों को 31 मार्च तक छात्रवृति दे दी जाएगी।
- लॉकडाउन को दृष्टि में रखकर अदत्त का न चुकाने वालों के बैंक एकाउंट को अधिहृत करने के पूर्वादेश को राज्य सरकार ने अगले आदेश तक वापस ले लिया है।
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के अन्तर्गत समीक्षा, गैर प्रवेश तथा अनियमित आइटीसी आदि के 300 करोड़ रुपये की अदत्त उगाही के लिए जारी 3,785 सूचनाओं को भी वापस ले लिया गया है।
- उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने करदाताओं से आग्रह किया कि करदाता घर बैठे-बैठे ऑनलाइन भी भुगतान कर सकते हैं। वे अपने कर का ऑनलाइन भुगतान सुनिश्चित करें, ताकि विकास कार्यों के साथ-साथ कोरोना की महामारी से लड़ने में भी सरकार का संकल्प और सुदृढ़ हो सके।
राज्य सरकार ने रविवार को 31 मार्च तक के लिए सम्पूर्ण प्रान्त को लॉकडाउन करने के आदेश जारी कर दिए थे। मुख्यमंत्री ने लोगों से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन के समय सरकार की परामर्श का अनुपालन करें और घरों पर ही रहें।