जयप्रकाश विश्वविद्यालय के गंगा सिंह कॉलेज में फर्जीवाड़े का एक मामला सामने आया है। कॉलेज के एक चपरासी ने एडमिशन के लिए करीब 500 छात्रों से 5 से 10 हजार रुपए लिए और बिना नामांकन किए ही सभी को वर्ष भर तक दौड़ाता रहा। जब परीक्षा की बारी आई तो चपरासी ने जाली एडमिट कार्ड जारी कर दिया। जाली एडमिट कार्ड पर छात्र परीक्षा में सम्मिलित भी हो गए। इनमें से कुछ छात्र तो बीए पार्ट-2 की परीक्षा भी जाली एडमिट कार्ड और बिना नामांकन के ही दे चुके हैं।अंतिम ईयर का रिजल्ट आने के बाद जब इन छात्रों का नाम वेबसाइट पर जारी किए गए रिजल्ट पर नहीं था तब जाकर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
पीड़ित छात्रों ने आरोप लगाया कि गंगा सिंह कॉलेज के कर्मी प्रभात कुमार सिंह द्वारा सत्र 2015-18 और 2016-19 सेशन के पार्ट वन में एडमिशन के नाम पर 5 से 10 हजार रुपए तक की वसूली की गई। छात्रा निधि कुमार ने कहा किअंतिम ईयर कम्पलीट होने के बाद जब वेबसाइट पर अपना रिजल्ट देखने के लिए रौल नंबर डाला तो कोई मार्कशीट नहीं मिली। फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल इंदू सिंह ने चपरासी प्रभात कुमार सिंह के विरुद्ध थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच के लिचए 5 सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी जांच में यह आरोप सही पाया गया। इसी के आधार पर विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को रिपोर्ट भेजी जाएगी।