पटना – बिहार में चायनीज़ वायरस कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन की स्थिति को दृष्टि में रखकर राज्य सरकार ने करदाताओं को राहत की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन को दृष्टि में रखकर अदत्त न चुकाने वालों के बैंक एकाउंट को अधिहृत करने के पूर्वादेश को राज्य सरकार ने अगले आदेश तक वापस ले लिया है।
विदित हो कि बैंकों को राज्य के 8,033 करदाताओं के खाते को अधिहृत करने का निर्देश दिया गया था। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के पूर्व वैट, केंद्रीय बिक्री कर और प्रवेश कर अधिनियम के अन्तर्गत 375 करोड़ की अदत्त राशि के लिए 4248 सूचनाएं जारी की गईं थीं, जिन्हें अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम के अन्तर्गत समीक्षा, गैर प्रवेश तथा अनियमित आइटीसी आदि के 300 करोड़ रुपये की अदत्त उगाही के लिए जारी 3,785 सूचनाओं को भी वापस ले लिया गया है।
विदित हो कि बिहार में कोरोना के तीन प्रमाणित मामले समक्ष आने के बाद से हड़कम्प मच गया है। इनमें से एक रोगी की शनिवार को पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में मृत्यु हो गई। उसके कोरोना संक्रमण की बात मृत्यु के बाद पता चली। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार में 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन का आदेश घोषित कर दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने करदाताओं से आग्रह किया कि भुगतान की सारी व्यवस्था ऑनलाइन है। ऐसे में करदाता घर बैठे-बैठे भी भुगतान कर सकते हैं। वे अपने कर का ऑनलाइन भुगतान सुनिश्चित करें, ताकि विकास कार्यों के साथ-साथ कोरोना की महामारी से लड़ने में भी सरकार का संकल्प और सुदृढ़ हो सके।