चायनीज़ वायरस कोरोना से युद्ध के लिए रेलवे भी पूरी तरह तैयार दिख रहा है। रेलवे बोर्ड ने अपनी जोनल इकाइयों से कहा है कि रेलवे को कोरोना के रोगियों के उपचार के लिए ट्रेनों के 20,000 डिब्बों को पृथक वार्ड में परिवर्तित करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
रेलवे बोर्ड ने सोमवार को जोनल महाप्रबंधकों को एक पत्र में लिखा है कि प्रारंभ में 5,000 कोच को पृथक वार्ड में परिवर्तित करने की आवश्यकता होगी। इसके लिए उनसे तैयारियां करने को कहा है।
इसमें कहा गया है कि कोविड-19 से तैयारी को दृष्टि में रखकर 25 मार्च को हुई बैठक में निर्णय लिया गया था कि कुछ कोचों को क्वारंटीन-आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित किया जा सकता है। यह निर्णय चिकित्सा विभाग की परामर्श के बाद लिया गया था ताकि लोगों को संगरोध सुविधा दी जा सके। इस मामले में सैन्य बल चिकित्सा सेवा से भी चर्चा हुई थी।
भारतीय रेलवे को करीब 20 हजार कोचों की आवश्यकता होगी जिसमें प्रारंभ में 5 हजार कोचों को संगरोध वार्ड में परिवर्तित किया जाएगा। सिर्फ नॉन एसी कोचों को ही संगरोध वार्ड में बदला जाएगा।
बोर्ड ने कहा कि निर्णय के पूर्व रेलवे ने सैन्य बल चिकित्सा सेवा, विभिन्न जोनल रेलवे के चिकित्सा विभागों के साथ विचार-विमर्श किया है। बोर्ड ने कहा है कि पांच जोनल रेलवे कोच सह पृथक वार्ड के लिए प्रारूप पहले ही तैयार कर चुके हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में सोमवार को चायनीज़ वायरस कोरोना के मामलों की संख्या 1,071 हो गयी जबकि 29 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।