राजधानी के अनाज मंडी क्षेत्र में रविवार तड़के एक फैक्ट्री में आग से 43 लोगों की मृत्यु होने के बाद मातम की राजनीति भी आरम्न्भ हो गई। दिल्ली के बड़े नेता पहले मौके पर पहुंचे और फिर घायलों को देखने चिकित्सालय गए। एक के बाद एक मुआवजे की घोषणाएं हुईं। भाजपा, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने मुआवजे की घोषणा किया। दुर्घटना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप भी हुए। सभी एकदूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे। उधर, दिल्ली पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक रेहान को हिरासत में ले लिया है। दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार सुबह ही ट्वीट कर शोक जता चुके थे। बाद में खबर आई कि वे सुबह 11 बजे के बाद घटनास्थल पर पहुंचेंगे। केजरीवाल के पहुंचने से पहले सुबह 11:15 बजे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी और प्रवेश वर्मा मौके पर पहुंच गए। केंद्र सरकार की तरफ से किसी घोषणा से पहले ही मनोज तिवारी ने घटनास्थल से ही ऐलान कर दिया कि मृतकों के परिजन को भाजपा पांच-पांच लाख रुपए देगी। उनके बाद केजरीवाल मौके पर पहुंचे और 10-10 लाख रुपए का क्षतिपूर्ति देने की घोषणा की। दोपहर 12:40 बजे के आसपास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया और 2-2 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा किया। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि यदि कोई फैक्ट्री गैरकानूनी तरीके से चल रही थी तो उसे बंद कराने का उत्तरदायित्व दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की थी। लाइसेंस एमसीडी ने ही दिए। आप नेता राघव चड्&zwnj ढा ने भी कहा कि भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। यदि प्रश्न उठेंगे तो जवाबदेही भाजपा शासित एमसीडी की ही होगी क्योंकि लाइसेंस वही देती है। दिल्ली से भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए। यह फैक्ट्री अवैध तरीके से चल रही थी। केजरीवाल को दिल्ली के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन को भी बर्खास्त कर देना चाहिए। वहीं, भाजपा नेता विजय गोयल ने कहा कि यह दिल्ली सरकार की ही नाकामी है कि रिहाइशी इलाकों में अवैध कारखाने चल रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा कि इस घटना के लिए केजरीवाल सरकार और भाजपा शासित एमसीडी जिम्मेदार है। दोनों इस घटना के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। बिहार की जदयू सरकार में मंत्री संजय झा दिल्ली में ही उपस्थित थे। उन्होंने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद कहा- ' ' यह तो होना ही था। आप हालात देखें। वहां तार खुले पड़े हैं। मरने वालों में अधिकतर पूर्वांचल और बिहार से हैं। मधुबनी और दरभंगा से भी हैं। यह दिल्ली के बिजली विभाग की नाकामी है।' ' उनके इस वक्तव्य के बाद बिहार सरकार ने बिहार के मूल निवासी रहे मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पुलिस और दमकल विभाग ने आज अच्छा कार्य किया। दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए, लेकिन चिकित्सालय से किसी पर दोषारोपण नहीं होना चाहिए। ऐसे कारखानों को वैकल्पिक जगह दी गई थी, लेकिन वे वहां स्थानान्तरण नहीं हुए। सरकार इस मसले पर गौर करेगी, लेकिन यह समय सहायता करने का है। दिल्ली विधानसभा की 70 में से 27 सीटों पर पूर्वांचल के वोटर निर्णायक माने जाते हैं। राज्य के करीब 82 लाख वोटरों में से 35 फीसदी मूल रूप से पूर्वांचल के निवासी हैं। राज्य में फरवरी 2020 में विधानसभा चुनाव हैं। पिछली बार आम आदमी पार्टी ने यहां 70 में से 67 सीटें जीती थीं। हालांकि, पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां की सातों सीटों पर भाजपा जीत रही है।