साकिब पटना : भारत सरकार ने 2020 के अंत तक कालाजार उन्मूलन अभियान की सीमा तय की है। इसी को ध्यान में रखकर स्वास्थ्य विभाग 2020 में कालाजार खोज अभियान चलाने जा रहा है। इसके पहले चरण में 27 जनवरी से अभियान आरम्न्भ हो गया है, जो चार फरवरी तक चलेगा। इसमें राज्य के 33 जिलों के 390 ब्लॉकों के 4,774 गांवों में आशा घर-घर जाकर कालाजार रोगियों की तलाश करेंगी, ताकि रोगियों को पहचान कर उनका उपचार हो सके। अब 28 के बदले एक दिन में ही होता है इलाज कुछ वर्ष पहले कालाजार का उपचार 28 दिन तक चलता था, लेकिन अब एक दिन ही उपचार चलता है। उपचार सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क होता है। इसके इन्जेक्शन पर सरकार प्रति मरीज करीब एक लाख रुपये व्यय करती है। राज्य के 31 सदर अस्पताल, 4 मेडिकल कॉलेज और 53 ब्लॉक अस्पतालों में इसका उपचार होता है। पटना में मनेर ब्लॉक चिकित्सालय और आरएमआरआइ, पटना में इसका उपचार होता है। सरकार रोगियों को आर्थिक सहायता भी देती है। केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से बिहार में दो सितंबर, 2014 से कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम चल रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत रोकथाम, जांच और उपचार के तरीकों में सुधार किया गया, जिसके कारण सकारात्मक परिवर्तन आया है।