औरंगाबाद। सतीश के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग को लेकर उग्र आंदोलन कर रहे दर्जनों छात्रों पर पुलिस ने लाठियां बरसाई और उन्हें खदेड़-खदेड़कर पीटा। जिसमें आधा दर्जन से अधिक छात्र चोटिल हो गए। वहीं आंदोलन कर रहे नौ छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मामला शहर के बाइपास ओवरब्रीज व रमेश चौक क्षेत्र का है। गांधी नगर माेहल्ला में मकान मालिक द्वारा किराया विवाद में बीएससी पार्ट टू के छात्र की पुलिस के सामने हत्या के बाद उसके हत्यारों को फांसी की सजा की मांग को लेकर छात्र राजद, जाप व एनएसयूआई द्वारा शनिवार की सुबह शहर में एक मार्च निकालकर बाजार बंद कराते हुए आंदोलन किया गया। जिसके बाद पुलिस ने छात्र नेताओं पर लाठियां चटकायी और नौ छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार छात्रों से नगर थाने में पूछताछ की जा रही है।
सड़क जाम करा रहे थे उग्र छात्र, पुलिस ने पहले समझाया, नहीं माने तो खदेड़-खदेड़कर पीटा सतीश हत्याकांड के विरोध में कई छात्र संगठन के छात्र सड़क पर उतरे। सबसे पहले धर्मशाला चौक से बाजार बंद कराते हुए रमेश चौक पहुंचे और फिर बाइपास पहुंच गए। यहां पर दर्जनों छात्र बाइपास ओवरब्रीज के नीचे सड़क जाम कराने लगे। सूचना पाकर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंचे और उग्र छात्रों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए। फिर इसकी सूचना पाकर सदर एसडीपीओ अनूप कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और छात्रों को समझाने का प्रयास किया।
एसडीपीओ के बातों को भी छात्रों ने अनसुना कर दिया। फिर क्या था। एसडीपीओ ने भीड़ पर काबू पाने के लिए हल्का बल प्रयोग करने का इशारा किया। जिसके बाद उपस्थित जवानों ने सड़क जाम कर रहे छात्रों पर लाठियां बरसाना आरम्न्भ कर दी। इस पर्यंत कुछ छात्रों ने पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाए। जिसके बाद जवानों ने आंदोलन कर रहे छात्रों को खदेड़-खदेड़कर पीटा। जिससे छात्रों में अफरा-तफरी मच गई और भागकर छात्रों ने जान बचायी। लेकिन मौके से 9 छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद क्युआरटी की टीम रमेश चौक पहुंची और यहां भी सड़क जाम कर रहे छात्रों को खदेड़-खदेड़कर पीटा। जिसके बाद छात्र भाग खड़े हुए। इसके बाद वाहनों का परिचालन आरम्न्भ कराया गया।
किराया में 100 रुपया कम देने पर मकान मालिक ने सतीश को मारा डाला था बीएससी पार्ट टू के छात्र सतीश कासमा थाना क्षेत्र के काकन डिहवा गांव का रहने वाला था। वह अपने दो छोटू भाईयों के साथ गांधीनगर मोहल्ला में नंदलाल चौरसिया के लॉज में रहता था। 1700 रुपए मासिक किराया पर वह रहता था। लेकिन दो माह से शौचालय साफ नहीं होने के कारण वह किराया नहीं दिया था। पहले इसको लेकर मकान मालिक के साथ उसकी विवाद हुई। इसके बाद वह किराया तो दे दिया। लेकिन 100 रुपए शौचालय साफ कराने के नाम पर पैसा काट लिया। फिर क्या था। इसी बात पर सनकी मकान मालिक नंदलाल प्रसाद भड़क गया और अपने बेटों के साथ उसकी बेरहमी से पिटाई की।
जख्मी छात्र सदर चिकित्सालय में उपचार कराने के बाद पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। पुलिस ने नंदलाल प्रसाद से दरवाजा खुलवाने को कहा। इसके बाद आरोपी मकान मालिक के परिवार द्वारा चोर-चोर का शोर मचाकर छत से एक पत्थर का टुकड़ा छात्र पर फेंक दिया गया। जिसके चोट से छात्र की मृत्यु हो गई थी। घटना के बाद पुलिस पहले तो मौके से फरार हो गई। लेकिन बाद में नंदलाल प्रसाद समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बाकी अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। इस मामले में मृतक के भाई नीतीश कुमार के वक्तव्य पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। जिसमें नंदलाल प्रसाद, उसकी पत्नी व तीन बेटों को नामजद आरोपी बनाया गया है।