दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य देशों के प्रमुख नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना से सभी देशों को साथ मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में जागरूकता अभियान चल रहा है। हमें घबराने की आवश्यकता नहीं है बल्कि तत्पर व सावधान रहने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि जैसा कि हम इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं, मैं इस वायरस के प्रसार से निपटने के भारत के अनुभव को संक्षेप में साझा करना चाहूंगा। हमारा मार्गदर्शक मंत्र है- “तैयारी करो, मगर घबराओ नहीं।”
मोदी ने संयुक्त रणनीति बनाने पर जोर दिया।
सार्क देशों में कोरोना से निपटने के लिए कोविड-19 इमजेंसी फंड बनाने की घोषणा करते हुए मोदी ने भारत की ओर से इसमें 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की।
वहीं पाकिस्तान ने अपनी अधमता का परिचय देते हुए कोरोना महामारी को लेकर गंभीर चुनौतियों और उनके समाधान विषय पर सार्क देशों के सम्मेलन में भी कश्मीर का ही राग अलापा। सभी सार्क राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों के महत्वपूर्ण वीडियो कांफ्रेंसिंग से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान न सिर्फ दूर रहे बल्कि उन्होंने अपने उस प्रतिनिधि को भेजा जिन पर पाकिस्तान में ही तस्करी में लिप्त होने का मामला चल रहा है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी एफआईए का डॉ. जफर मिर्जा के विरुद्ध आरोप है कि उन्होंने तस्करी करके दो करो़ड़ मास्क (एन-95 मास्क) विदेश भेजे हैं।
खान के स्वास्थ्य मामलों में विशेष सहायक डॉ. जफर मिर्जा ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए कश्मीर से पाबंदियां हटाई जानी चाहिए।
सभी सार्क देश कोरोना से निपटने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा कर रहे थे, वहीं पाकिस्तान इससे निपटने के चीन का गुणगान करते हुए उससे सीख लेने का परामर्श देने लगा। विदित हो कि चीन के वुहान शहर से उत्त्पन्न हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण अब एक वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है और मानवता के लिए एक बड़ा संकट है। 140 से अधिक देशों में फैल चुके इस संक्रमण के कारण साढ़े पांच हज़ार से अधिक लोगों की अकाल मृत्यु हो चुकी है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में प्रधानमंत्री मोदी के अतिरिक्त श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों पर विशेष सहायक जफर मिर्जा सम्मिलित हुए।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अस्वस्थ रहते हुए भी इसमें भाग लिया।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कोरोना वायरस से जुड़े समस्याओं के समाधान हेतु दक्षेस मंत्रिस्तरीय समूह के गठन का प्रस्ताव किया।
वीडियो सम्मेलन की पहल भारत की पहल पर हुई जिसका सार्क के सदस्य राष्ट्रों ने स्वागत किया।