रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन अगले सप्ताह 800 किलोमीटर दूरी सीमा की निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करेगा। विभिन्न समाचार पत्रों में छपे सूचना के अनुसार, सेना और नौसेना में सम्मिलित करने की औपचारिक पहल से पहले रॉकेट बूस्टर मिसाइल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पिछले 35 दिनों में भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संगठन द्वारा यह दसवां मिसाइल परीक्षण होगा।
डीआरडीओ ने ‘ मेड इन इंडिया’ की रणनीति के अंतर्गत परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों के विकास को तेजी से करने का प्रयास किया है। डीआरडीओ ने करीब एक महीने में हर चौथे दिन में एक मिसाइल दागी है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे हटने के लिए चीन के इनकार की पृष्ठभूमि के विरुद्ध डीआरडीओ की तैयारी को दर्शाता है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन सेना ने इस वर्ष पांच मई को लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय सैनिकों के साथ पहली बार टकराव किया था, जिसके बाद पूर्वी लद्दाख में चार स्थानों को लेकर दोनों देशों के बीच तेजी से गतिरोध उत्पन्न हो गया। यह गतिरोध जून में रक्तरंजित संघर्ष में परिवर्तित हो गया, जिसमें भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
पिछले चार दशकों में पहली बार था जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस सीमा पर रक्तरंजित संघर्ष हुआ। दो महीने से भी कम समय बाद, फिर गोलीबारी हुई जब भारतीय सैनिकों ने 700 वर्ग किलोमीटर में फैली सुरम्य खारे जल की झील के उत्तरी किनारे की ऊंचाइयों पर आधिपत्य स्थापित कर लिया।
दोनों देशों के राजनयिकों, सैन्य अधिकारियों और मंत्रियों के स्तर पर कई दौर की वार्ताओं के बाद,सोमवार को एक और वार्ता निर्धारित है, लेकिन चीन तनाव बढ़ाने से पहले अपने पुरानी जगह पर वापस जाने से हिचक रहा है।