रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने शुक्रवार को स्वदेशी प्रोटोटाइप ड्रोन रुस्तम-2 की उड़ान का परीक्षण किया। कर्नाटक के चित्रदुर्ग में रुस्तम-2 ने 16,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर कुल आठ घंटे की उड़ान भरी।
आशा जताई जा रही है कि यह ड्रोन 2020 के अंत तक यह 26,000 फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे तक उड़ान भर सकेगा।
यह युद्ध की स्थिति का पता लगाने के लिए सिंथेटिक एपर्चर रडार को ले जाने में और दुशमनों के अड्डे पर निगरानी बनाए रखने में बेहद सक्षममाना जा रहा है।
डीआरडीओ को आशा है कि भारतीय वायु सेना और नौसेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले मानव रहित हवाई वाहन इस्राइली हेरॉन की विशिष्टताओं से मेल करने के लिए रूस्तम -2 ड्रोन को पुनर्जीवित करने की कोशिश है।