दिल्ली के अनाज मंडी में रविवार तड़के बिल्डिंग में आग लगने से 43 लोगों की मृत्यु हो गई। वहीं 50 से अधिक लोग घायल हुए। मरने वालों में अधिकतर लोग बैग बनाने वाले मजदूर थे। दिल्ली के रिहायशी क्षेत्र में आग से यह कोई पहला दुर्घटना नहीं था। इससे पहले भी दिल्ली में कई बार आग से आम लोगों की जानें जा चुकी हैं। दिल्ली में आग से सबसे बड़ा दुर्घटना 22 वर्ष पहले हुआ था। 1997 में उपहार सिनेमा में लगी आग में 59 लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं 100 से अधिक घायल हुए थे। दिल्ली-एनसीआर में कब-कब आग से बड़ी दुर्घटनाएं हुईं?
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जाकिर नगर में रिहायशी इमारत में आग। 6 लोगों की मौत, इनमें तीन बच्चे शामिल। अधिकारीयों के अनुसार, आग इलेक्ट्रिक मीटर में शॉर्ट सर्किट के कारण से भड़की।
दिल्ली के करोल बाग स्थित होटल की चौथी मंजिल में भयानक आग। 17 लोगों की मौत, 35 घायल हुए। इनमें एक बच्चे समेत तीन लोगों की छत से कूदने से मृत्यु हुई।
शहादरा के एमएस उद्यान में आग लगी। पास ही उपस्थित 300 झुग्गियां जलीं। एक लड़की की मौत।
उत्तर-पश्चिम दिल्ली के कोहत एनक्लेव में आग से एक ही परिवार के चार लोगों की मृत्यु हुई, इनमें दो बच्चे शामिल।
दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में पटाखा फैक्ट्री में आग। तीन मंजिला यूनिट में 50 लोग फंसे। इनमें 17 की मृत्यु हुई। दमकल विभाग के अनुसार, अधिकतर लोग जलने से मरे, वहीं कुछ लोगों की मृत्यु दम घुटने से भी हुई।
उपहार सिनेमा में बॉर्डर फिल्म के शो के समय आग लगी। इसमें 59 लोगों की मृत्यु हुई। 100 से अधिक घायल।