मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झूठा बताए जाने के बाद जदयू नेता प्रशांत किशोर पर हमलावर हो गए हैं। बुधवार को पार्टी के पूर्व प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने प्रशांत को कोरोनावायरस बता दिया। उन्होंने कहा कि प्रशांत नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार का भरोसा नहीं जीत सके। वह आम आदमी पार्टी के लिए कार्य करते हैं, राहुल गांधी से बात करते हैं और ममता बनर्जी के साथ बैठते हैं। कौन उस पर भरोसा करेगा? हमें खुशी है कि यह कोरोनोवायरस हमें छोड़ रहा है, वह जहां चाहे, वहां जा सकता है।
अजय ने कहा कि प्रशांत किशोर को 2014 में नरेंद्र मोदी ने पहचान दी। वहां से निकाले गए तो नीतीश कुमार के पास चले आए। कहने को हमारी पार्टी का चुनावी मैनेजमेंट देखा। महागठबंधन चुनाव जीता तो उसकी मार्केटिंग कर अपनी कंपनी को देशभर में अलग-अलग पार्टियों के बीच ले गए। शिवसेना, कांग्रेस, आप, और तृणमूल प्रशांत सबके लिए कार्य कर रहे हैं। यह सब जदयू और नीतीश कुमार की बदौलत कर पा रहे हैं।
अजय ने कहा, “प्रशांत का बाजार अब खराब हो रहा है। यह आदमी विश्वसनीय नहीं है। इनसे कार्य करा रहीं पार्टियां अब यह सोचेंगी कि यह आदमी हमारी बात दूसरे तक पहुंचाता है। इनका तो चरित्र ही यही है। इनकी उलटी गिनती आरम्न्भ हो गई है। अच्छा हुआ कि हमारी पार्टी से यह वायरस निकल गया। यह वायरस जिस पार्टी में रहेगा उसे ही नष्ट करेगा।”
नीतीश को झूठा कहने के संबंध में अजय ने कहा कि हमें ऐसे कॉर्पोरेट दलालों से सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता नहीं।
अजय ने कहा कि सिर्फ प्रचार करने से वोट नहीं मिलता। सोशल मीडिया पर बकवास करने और नारे लगाने से वोट नहीं मिलता। यदि जनता की इच्छा नहीं होगी तो आप चुनाव नहीं जीत सकते। इसलिए कोई अनुचित फहमी में नहीं रहे कि यह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनवाते हैं। क्या इन्होंने 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाया?
यह आदमी आवश्यकता से अधिक छलांग मार रहा है। एक वर्ष पहले यह आदमी राहुल गांधी को अपरिपक्व कहता है। कहता है कि वह प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं हैं। बाद में सीएए के समर्थन में कांग्रेस, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को धन्यवाद देता है।
जदयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश ने पटना में मंगलवार को कहा था कि उन्होंने अमित शाह के कहने पर प्रशांत किशोर को पार्टी में सम्मिलित किया था। अब यदि वे जाना चाहते हैं, तो जा सकते हैं। नहीं रहेंगे तो भी ठीक, रहेंगे तो कोई समस्या नहीं है। जो पार्टी का बुनियादी ढांचा है उसे अंगीकार करना होगा। नीतीश के वक्तव्य पर प्रशांत किशाेर ने कहा था कि आप (नीतीश) मुझे पार्टी में क्यों और कैसे लाए, इस पर इतना गिरा हुआ झूठ बोल रहे हैं। यह आपकी अत्यंत खराब कोशिश है, मुझे अपने रंग में रंगने की। यदि आप सच बोल रहे हैं तो कौन यह भरोसा करेगा कि अभी भी आपमें इतनी हिम्मत है कि शाह द्वारा भेजे गए आदमी की बात न सुनें? प्रशांत किशाेर ने यह भी कहा था कि वे बिहार आने पर उत्तर देंगे।
नीतीश की पार्टी जदयू का बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन है। नागरिकता संसोधन विधेयक पर जदयू ने संसद के दाेनाें सदनाें में सरकार का समर्थन किया था। उसके विपरीत प्रशांत किशोर लगातार सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विराेध कर रहे हैं।