जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार ने भूजल का स्तर बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को श्रेष्ठतर सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए राज्य में बड़े पैमाने पर तालाब, आहर-पईन व वीटर-चैक डैम बनाने की योजना बनायी है। इस वर्ष सूबे में 1123 तालाब, 603 आहर-पईन के अतिरिक्त 60 वीयर-चैक डैम बनाए जाएंगे। इसके लिए 1300 करोड़ की योजना मंजूर की गयी है। सारी योजनाएं इसी वर्ष जून तक पूरा कर लेना है।
लघु जल संसाधन विभाग ने दो चरणों में जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत 1786 योजनाओं को स्वीकृति दी है। इनमें जलस्रातों को विकसित करने की कार्ययोजना है। इसके अंतर्गत तालाब, आहर-पईन, चेक डैम, सोख्ता व पहाड़ी क्षेत्रों में बड़े-बड़े वाटर बाडीज व पहाड़ों के चारों तरफ गारलैंड ट्रेंच का निर्माण किया जाएगा। माना जा रहा है इन योजनाओं के पूरा होने के बाद भूजल का स्तर को श्रेष्ठतर होगी ही, सूबे में 1 ।47 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी। इससे किसानों को वैकल्पिक स्रोत सहज उपलब्ध होंगे।
पहले चरण में 978 करोड़ की योजना मंजूर की गयी है। इसके अंतर्गत 1413 योजनाओं को मंजूर किया गया है। इसमें 901 तालाब, 472 आहर-पईन व 40 वीयर-चैक डैम बनेंगे। इससे 113252 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता सृजित होगा। इसी तरह दूसरे चरण में 27 जिलों में 321 करोड़ की लागत से 373 योजनाएं पूरी होंगी। इसमें 222 तालाब, 131 आहर-पईन व 20 वीयर-चैक डैम बनेंगे। इससे 34 हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
पिछले कुछ वर्षों में बिहार में असमय वर्षा और वर्षा की मात्रा में कमी आने के बाद कई तरह की समस्या उत्पन्न होने लगी थी। भूजल स्तर बहुत ऊपर आ गया था। साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए जल संकट झेलना पड़ रहा था। विशेषज्ञों के अनुसार सूबे में सालाना वर्षा 1000-1100 एमएम से घटकर 700 एमएम पर आ गया है। इसमें सालाना निरंतर कमी होती जा रही है। इसी तरह भूजल स्तर दो से पांच मीटर तक नीचे चला गया है।