एक पेड़ वर्ष में 20 किलो धूल सोखता है। 700 किलो ऑक्सीजन छोड़ता है तो 20 हजार किलो कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है। गर्मियों में एक पेड़ के पास सामान्य से लगभग 4 डिग्री कम तापमान रहता है। इस तरह घर के पास 10 पेड़ लगे हों तो आदमी की आयु 7 वर्ष तक बढ़ जाएगी। पर्यावरण संतुलन, पर्याप्त जल और हरित आवरण बढ़ाने के लिए राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान आरम्न्भ किया गया है। 2022 तक तीन वर्षों में जल जीवन हरियाली योजना 24 हजार 524 करोड़ व्यय होंगे। यह बात ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने विधान परिषद में जल जीवन हरियाली पर आयोजित वाद विवाद में सरकार की ओर से पक्ष रखा।
मंत्री ने कहा कि इस वर्ष 26 अक्टूबर को जल जीवन हरियाली के अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग की 26039 सहित अन्य विभागों की 32 हजार योजनाओं का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन व शिलान्यास किया। इस पर 1359 करोड़ व्यय का अनुमान है। मिशन मोड में इसे पूरा करने के लिए जल जीवन हरियाली मिशन का गठन किया गया है। यह योजना सभी प्रखंडों व पंचायतों के लिए है। मनरेगा के अंतर्गत पिछले दो वर्षों में अभियान चला कर 1 करोड़ पौधे लगाए गए। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ मिल कर 2019-20 में लगभग 1 करोड़ 25 लाख पौधे लगे।
मंत्री कहा कि 2020 अगस्त में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 2.5 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। स्वच्छ व संतुलित पर्यावरण के लिए पृथ्वी पर 33 प्रतिशत हरियाली जरूरी है। जल जीवन हरियाली योजना की सफलता के लिए ग्रामीण विकास, पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, राजस्व व भूमि सुधार, लघु जल संसाधन, नगर विकास, पीएसईडी, कृषि, भवन, जल संसाधन, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज, ऊर्जा, व सूचना व जनसंपर्क सहित 15 विभाग सम्मिलित हैं।
आहर, पोखर, छोटी नदियों, पुराने कुंआ को सुदृढ़ किया जाएगा। चापाकल, कुंआ सरकारी भवन में जल संचय के लिए रेन वाटर हारवेस्टिंग होगा। छोटी नदियों, नालों और पहाड़ी क्षेत्र में चेकडैम का निर्माण होगा। ऊर्जा के क्षेत्र सीमित हैं, इसलिए वैकल्पिक स्रोतों और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा ई रिक्शा जैसे वाहन और सीएनजी चालित वाहन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं बैट्री चालित इलेक्ट्रिक वाहन का प्रयोग करते हैं।
पर्यावरण प्रदूषद कम करने के लिए खेतों में पुआल जलाने से रोकने के लिए सरकार ने किसानों को जागरूक किया है। किसानों को पुआल प्रबंधन कृषि यंत्रों पर 75 से 80 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया है। इस अभियान की मॉनीटरिंग और परामर्श के लिए राज्य स्तर पर संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में एक परामर्शदात्री समिति गठितत है। इसमें विधान सभा अध्यक्ष द्वारा नामित 15 व विधान परिषद के सभापति द्वारा मनोनीत 5 सदस्य भी सम्मिलित होंगे। जिला स्तर पर जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में समिति है।
इस अभियान पर वर्षवार व्यय
- 2019-20 – 5870 करोड़
- 2012-21 &ndash 9874 करोड़
- 2021-22 &ndash 8780 करोड़