गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) संशोधन बिल पेश किया। उन्होंने कहा- इस बिल को पेश करने का मकसद इसे श्रेष्ठतर करना है। एसपीजी सुरक्षा कवर केवल प्रधानमंत्री और उनके साथ प्रधानमंत्री आवास में आधिकारिक तौर पर रह रहे परिजनको ही मिलेगा।
इसके अतिरिक्त एसपीजी सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री और उनके उन परिजनों को दी जाएगी, जो आधिकारिक तौर पर सरकार द्वारा दिया गए आवास में रह रहे हैं।
केंद्र सरकार ने इसी महीने की शुरुआत में गांधी परिवार (सोनिया, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी। वर्तमान उन्हें सीआरपीएफ के कमांडो जेड प्लस सुरक्षा देंगे।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा- यह बहुदलीय लोकतंत्र है और ऐसे मुद्दों को पार्टीगत पक्षपात से दूर रखना चाहिए। केवल इसलिए कि कोई वर्तमान प्रधानमंत्री नहीं है, इसका मतलब यह नहीं है कि उसको होने वाले खतरे भी कम हो गए हैं। एसपीजी सुरक्षावालों को जून में बताया गया था कि उनको खतरा बढ़ रहा है। मैं पूछना चाहता हूं कि जून से नवंबर के बीच एसपीजी सुरक्षा में क्या बदलाव किया गया, वह भी कानून में संशोधन के बगैर।
गृह मंत्री अमित शाह कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा हटाई नहीं गई है बल्कि बदली गयी है और गांधी परिवार को जेड प्लस श्रेणी की पुख्ता सुरक्षा मिली हुई है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को केवल एक परिवार की चिंता है, जबकि हमें पूरे देश की जनता की चिंता है।
शाह ने लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक 2019 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके साथी दलों के सदस्यों ने इस तरह की धारणा जनता में बनाने का प्रयास किया कि एसपीजी कानून में यह संशोधन गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी भी धारणा बनाने का प्रयास किया गया कि सरकार को गांधी परिवार की सुरक्षा की चिंता ही नहीं है और उनकी सुरक्षा हटा ली गयी है।
शाह ने विधेयक पर चर्चा में कांग्रेस के मनीष तिवारी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि मूल कानून में पांचों बार संशोधन सिर्फ एक परिवार को ध्यान में रखकर किये गये।
इस बार केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखकर संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्रियों चंद्रशेखर, इंद्र कुमार गुजराल और मनमोहन सिंह की सुरक्षा में बदलाव किया गया तो कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा लेकिन आज एक परिवार की सुरक्षा को लेकर इतनी बात हो रही है।
गृह मंत्री ने कहा, “चिंता व्यक्त करने के मापदंड क्या हैं, वह देश को समझना चाहिए। इन्हें (कांग्रेस को) केवल एक परिवार की चिंता है, इसे देश को समझना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा तो कानून में संशोधन से पहले हटा ली गई थी, यह विधेयक तो सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही प्रभावित करने वाला है जिनके पद से हटने के छठे साल में उनकी सुरक्षा चली जाएगी। इस कानून से तो केवल वह प्रभावित होंगे।
शाह ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा “बदले की भावना से काम करना मेरी पार्टी का संस्कार नहीं है, बदले की भावना से कांग्रेस ने काम किया है”।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की जिम्मेदारी एक एक व्यक्ति की है, केवल एक परिवार (गांधी परिवार) की नहीं।
इससे पहले विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संशोधन विधेयक, 2019 को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए शाह ने कहा कि एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था और दुनिया के कई देशों में उनके शासनाध्यक्षों की सुरक्षा के मकसद से ऐसे ही विशिष्ट सुरक्षा इकाई बनाई गई हैं। गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक को लाने का मकसद एसपीजी को और प्रभावी बनाना है और यह देखना है कि उसके काम में किसी भी तरह की कोई कोताही न हो। गृह मंत्री ने कहा, “मैं जो संशोधन लेकर आया हूं, उसके तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आवास में रहने वालों के लिए ही होगी तथा सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा प्राप्त होगी ”।