महिला मजिस्ट्रेट को चैम्बर में बंद कर धमकी देने के आरोप में 12 वकीलों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है। वंचियूर न्यायालय की मजिस्ट्रेट दीपा मोहन ने शुक्रवार को मुख्य ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) से इस संबंध में लिखित आरोप की। सीजेएम ने आरोप पुलिस को भेजी और कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी वकीलों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की।
दरअसल, मजिस्ट्रेट दीपा मोहन ने बुधवारको कर्नाटक राज्य परिवहन निगम के एक ड्राइवर की जमानत याचिका अस्वीकृत कर दी थी। इसके बाद वकीलों ने कथित तौर पर महिला मजिस्ट्रेट को उनके ही चैम्बर में बंधक बना लिया था। वकील अपने मुवक्किल की जमानत याचिका अस्वीकृत होने से नाराज थे। उन्होंने मजिस्ट्रेट को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
मामले के मुख्य आरोपीत्रिवेंद्रम बार एसोसिएशन के अध्यक्ष केपी जयचंद्रन हैं।वकीलों के विरुद्ध आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ है। उन पर गैरकानूनी ढंग से जमा होने,दंगा करने, आपराधिक धमकी देने और बंधक बनाने का आरोप है। वकीलों पर सरकारी नौकर के साथ मारपीट के आरोप में धारा 353 के भी मामला दर्ज हुआ है। यह एक गैर जमानतीय धारा है।
केरल न्यायिक अधिकारी एसोसिएशन के अनुरोध केबाद केरल उच्च न्यायलय ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। अधिकारी एसोसिएशसन ने पत्र उच्च न्यायलय के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था। पत्र में महिला मजिस्ट्रेट के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकीलों के विरुद्ध कार्रवाई की अपील की गई थी। एसोसिएशन ने काेर्ट से न्यायिक अधिकारियों के कार्य करने की आजादी सुनिश्चित करने के लिए कहा था। उच्च न्यायलय इस मामले पर शनिवार को सुनवाई करेगा।