केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी उपराज्यपाल किरण बेदी के विरुद्ध न्यायालय की अवमानना का केस करेंगे। नारायणसामी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किरण बेदी अधिकारियों को डरा-धमका कर उन मामलों में हस्तक्षेप कर रही हैं, जिन में उन्हें दखल का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बेदी मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रही हैं, जबकि मद्रास उच्च न्यायालय ने 30 अप्रैल के निर्णय में उन्हें सरकार के कामकाज में दखल न देने के लिए कहा था।
पुडुचेरी में पिछले कुछ दिनों से भारी वर्षा के चलते अधिकतर इलाकों में हालात खराब हुए हैं। ऐसे में उपराज्यपाल किरण बेदी स्वयं ही प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही हैं। वे अब तक अधिकारीयों के साथ राजनिवास से रेनबो नगर, कृष्णा नगर, इंदिरा गांधी स्क्वेर और नतेसन नगर का पैदल दौरा कर चुकी हैं। नारायणसामी ने कहा कि बेदी अधिकारियों को खुलकर कार्य नहीं करने दे रहीं। इसलिए उनके विरुद्ध न्यायालय की अवमानना की याचिका लगाई जाएगी।
इसी वर्ष फरवरी में नारायणसामी और बेदी का विवाद आरम्न्भ हुआ था। बेदी ने प्रशासन से अपील की थी कि दोपहिया वाहन चालकों का हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए। इस पर सरकार ने कहा कि पहले जागरूकता फैलाएंगे, फिर इसे कलाग-अलग चरणों में लागू करेंगे। इसी मुद्दे पर दोनों के बीच विवाद पैदा हो गया। नारायणसामी का आरोप है कि उपराज्यपाल सरकार के रोज के कामकाज में भी दखल दे रही हैं। मद्रास उच्च न्यायालय ने दोनों के बीच विवाद में दखल देते हुए साफ किया था कि पुडुचेरी की उपराज्यपाल के पास केंद्रशासित प्रदेश की रोजाना की गतिविधियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
नारायणसामी ने कुछ ही दिन पहले केंद्र सरकार पर अपने प्रति दोहरा रवैया रखने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि केंद्र जब चाहता है तब अपनी सुविधा के अनुसार हमें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे देता है। पुडुचेरी की परिस्थिति दिल्ली जैसी हो गई है। यह उन केंद्र शासित प्रदेशों की परेशानी है, जिनमें विधानसभा है। इससे अच्छा तो वह (केंद्र) पुडुचेरी को ट्रांसजेंडर घोषित कर दें।
इस पर उपराज्यपाल किरण बेदी ने नारायणसामी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पुडुचेरी की आवश्यकताों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। यह केंद्र की साफ, गौर करने वाली, असंशोधित और निगरानी वाला मार्गदर्शन है, जिसकी वजह से पुडुचेरी प्रशासन अपने लोगों को जरूरी सेवाएं उपलब्ध करा पा रहा है।