केंद्र द्वारा घोषित किसान रेल बिहार से भी होकर चलेगी जिससे किसानों को बड़ा बाजार मिल सकेगा। बिहार में ऐसी कई फसले हैं जिसका सबसे अधिक उत्पादन बिहार में ही होता है पर बाजार नहीं मिलने के कारण उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
बिहार में ऐसी कई फसले हैं जिसका सबसे अधिक उत्पादन बिहार में ही होता है पर बाजार नहीं मिलने के कारण दाम अच्छे नहीं मिल पाते हैं। हाजीपुर का केला और मुज़फ़्फ़रपुर की लीची पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसी तरह दरभंगा और मधुबनी का मखाना, भागलपुर की कतरनी की भी हर जगह मांग है। किसान रेल के बिहार से गुजरने के बाद सभी उत्पादों को किसान बाहर भेज पाएंगे जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होगा।
किसानों के फल और सब्जियों को बाहर भेजने और सुरक्षित स्टोर के लिए फतुहा में नया कार्गो केंद्र बनाने की भी योजना है।
इस कार्गो केंद्र में उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए नई तकनीक का सहारा लिया जाएगा। कार्गो केंद्र का निर्माण सेंट्रल रेल साइड वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन, जो भारत सरकार का एक उपक्रम है, द्वारा किया जायेगा।
केंद्र ने किसान रेल के जरिये किसानों की आय दोगुनी करने की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत कृषि उत्पादों का भंडारण, प्रसंस्करण, और विपणन समस्या का भी समाधान किया जाएगा।
बजट २०२० में किया था प्रावधान – किसानों की आय में वृद्धि करने की योजना
इस वर्ष के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने किसानों के लिए 16 योजनाओं का प्रस्ताव रखा था और साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि रेल और किसान उड़ान योजना की घोषणा की। इस योजना के जरिए कृषि उत्पादक को सरलता और समय से बाजार तक पहुंचाया जा सकेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि नए वित्तीय वर्ष किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जाएगी। केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करेगी । बजट में वित्त मंत्री ने कृषि रेल की घोषणा किया । किसान रेल सेवा में रिफ्रिजरेटड बोगियां भी होंगी, जिनके जरिए किसान अपने कृषि उत्पादकों को समय से बाजार तक पहुंचा सकेंगे ।
बता दें कि हाल ही में रेलवे ने इस तरह की रेल पार्सल वैन को लांच किया । इस तरह की रेल पार्सल वैन 160 किमीं प्रति घंटे की गति से चलेंगी । बता दें कि रेल कोच फैक्ट्री, कपूरथला इससे पहले उच्च स्पीड तेजस, हमसफर, राजधानी, शताब्दी इत्यादि यात्री डिब्बे के अतिरिक्त डाक सेवा के लिए पोस्टल वैन, रेफ्रीजरेटेड वैन का भी निर्माण कर चुकी है ।