पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली अभियान यात्रा के क्रम में पटना प्रमंडल की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते मौसम के दुष्प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान को आरम्न्भ किया गया है। इसकी महत्ता भी आम लोगों को समझाने की आवश्यकता है। आने वाली पीढ़ी के लिए हम सबको मिल कर कार्य करना होगा। विकास के कार्य तो किये ही जा रहे हैं और आगे भी किये जाते रहेंगे, लेकिन क्लाइमेट चेंज पर हर पल कार्य करते रहने की आवश्यकता है.
शहर के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस बैठक में पटना, नालंदा, भोजपुर, कैमूर, बक्सर और रोहतास जिले के अधिकारी सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक आहर, पइन, पोखरों को अतिक्रमण मुक्त कराना और जीर्णोद्धार करा कर जल संचयन का कार्य किया जायेगा। इससे भू-जल स्तर भी बनाये रखा जा सकेगा। उन्होंने कहा जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा में कमी हो रही है। कभी सूखे की स्थिति, तो कभी बाढ़ की स्थिति लगातार बन रही है। आपदा प्रभावित लोगों की तो सरकार सहायता कर ही रही है। लेकिन, मौसम परिवर्तन पर निरंतर कार्य करते रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी मंत्रियों व अधिकारियों से कहा कि 19 जनवरी को दिन के 11:30 से 12:00 बजे तक पुरुष, महिला, युवा सभी को मानव शृंखला में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित करें। 16,000 किमी से अधिक लंबी मानव शृंखला बनाने का लक्ष्य रखा गया है, आप सब इसमें अवश्य सम्मिलित हों। जो योजनाएं चलायी जा रही हैं, उस पर भी चर्चा की गयी। लोगों में जागृति लाने के लिए की जा रही यात्रा : मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 11 अवयव हैं। इन पर तीन वर्षों में 24 हजार 524 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त राशि भी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के अंतर्गत राज्य स्तर पर परामर्शदात्री समिति और जिला स्तर पर जिला परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है।
बैठक में दीघा विधायक डॉ संजीव चौरसिया ने जल-जीवन-हरियाली के अंतर्गत कई कार्यो का प्रस्ताव रखा। उन्होंने गर्दनीबाग, कच्ची तालाब, सूर्य मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ वहां पर उद्यान के निर्माण का प्रस्ताव रखा। बैठक में कांग्रेस व राजद के एक भी नेता नहीं आये। इन योजनाओं की समीक्षा की गयी इस समीक्षा में सार्वजनिक कुओं, चापाकल, आहर, पइन का जीर्णोद्धार के अतिरिक्त जल स्रोतों के किनारे सोख्ता निर्माण, जल संरक्षण संरचना, छोटी-छोटी नदियों, नालों, पहाड़ी क्षेत्रों में चेकडैम व जल संचयन की अन्य संरचनाओं के निर्माण का जायजा लिया गया। नये जल स्रोतों का सृजन, हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली नालियां, शौचालय निर्माण की मौजूदा स्थिति आदि की जानकारी ली गयी। इस पर्यंत यह लोग रहे उपस्थित : बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, उद्योग मंत्री श्याम रजक, सूचना व जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार, पटना प्रमंडल के सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय आदि भी उपस्थित रहे।