पटना – राजस्थान के कोटा शहर में तालाबंदी के कारण बिहार के हजारों छात्र फंसे हुए हैं। कोटा में फंसे बिहार के छात्र अब अपनी घर वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये हैं। प्राप्त सूचना के अनुसार कोटा में फंसे छात्र बिहार सरकार से अपने घर जाने के लिए बसें भेजने का आग्रह किया है।
कोटा में फंसे बिहार के छात्रों का कहना है कि जब कई दूसरे राज्यों के छात्र यहां से अपने घर जा चुके हैं ऐसे में हमें भी यहां से ले जाने की व्यवस्था की जाए। यद्यपि, बिहार सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि कोटा से छात्रों को लाना अभी संभव नहीं है।
वहीं बिहार सरकार ने कोटा समेत अन्य राज्यों में पढ़ने वाले किसी भी छात्र के संबध में पटना उच्च न्यायालय में सूचना दी है। मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से इस संबंध में हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा पूछे गये प्रश्न के उत्तर में गुरुवार को शपथपत्र दायर किया है।
इसमें कहा गया है कि वर्तमान में यदि किसी भी छात्र को यहां लाया जाता है, तो यह केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी परामर्श का उल्लंघन माना जायेगा।
सूत्रों के अनुसार सरकार के इस उत्तर से न्यायालय संतुष्ट नहीं है।
इधर एक अन्य मामले में कोटा में पढ़ रही एक छात्रा के पिता की याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 27 अप्रैल तक सरकार से उत्तर तलब किया है। इधर, वरीय अधिवक्ता अजय कुमार ठाकुर की याचिका के उत्तर में सरकार ने अपने उत्तर में कहा कि बड़ी संख्या में बाहर के प्रदेशों में अध्ययन कर रहे बिहारी छात्रों को लाना सुरक्षा दृष्टिकोण से उचित प्रतीत नहीं होता है। संभव है कि इससे कोरोनावायरस का प्रकोप और बढ़ जाये। बाहर से लाये जानेवाले बच्चों की संख्या इतनी है कि उन्हें संगरोध करने के लिए जगह का अभाव हो जायेगा। सरकार के लिए बहुत परेशानी भी होगी।