राममंदिर निर्माण का कार्य लार्सन एंड टुब्रो कंपनी करेगी । कंपनी के डिजाइन एवं निर्माण के प्रमुख वीरप्पन ने रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय से दूरभाष पर वार्ता कर यह बात बताई।
मंदिर निर्माण के लिए विभिन्न कंपनियों के नाम सामने आए थे। यद्यपि तब मामला सर्वोच्च कोर्ट, सरकार और ट्रस्ट के बीच फंसा हुआ था इसलिए निर्णायक तौर पर नाम का निर्णय नहीं हो सका था। अब इसकी औपचारिक तौर पर स्वीकृति कंपनी को दे दी गई है।
कंपनी ने अपनी ओर से प्रस्ताव दिया है कि वह रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कांटैक्ट नहीं लेगी बल्कि सेवाभाव से कार्य करना चाहती है।
नब्बे के दशक में जब राम मंदिर आन्दोलन अपने चरम अवस्था में था, उस समय तत्कालीन विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल ने कंपनी के प्रबंधन से भेंट कर मंदिर निर्माण कराने में सहयोग मांगा था। ट्रस्ट महासचिव श्री राय के अनुसार कंपनी प्रबंधन अपने उसी वायदे को पूरा करना चाहता है।
वहीं रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का स्थान परिवर्तन वासंतिक नवरात्र से पहले ही करने का मन बना लिया है। ट्रस्ट के न्यासी इसे एक उपलब्धि मानते हैं क्योंकि विराजमान रामलला के स्थान से ही निर्माण का शुभारम्भ होना है। यह निर्माण तभी प्रारम्भ हो सकेगा जब रामलला को नियत स्थान पर विधि विधान के साथ प्रतिष्ठित कर दिया जाए। इसी के चलते रामजन्मभूमि परिसर में नियत स्थल पर युद्धस्तर पर कार्य कराया जा रहा है। यह कार्य रामजन्मभूमि परिसर के सुरक्षा अधिकारियों की देखरेख एवं नवगठित ट्रस्ट के न्यासी अयोध्या नरेश विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र एवं संघ के प्रांत कार्यवाहक अनिल मिश्र के निर्देशन में चल रहा है।