बिहार में यह सर्वविदित है कि शराबबंदी नाम मात्र की है, शराब हर जगह मिल रही है। इसमें सम्मिलित लोगों को न केवल प्रशासनिक संरक्षण मिला हुआ है अपितु अधिकांश स्थानों पर तो स्थानीय पुलिस भी शराब की तस्करी के व्यवसाय में सक्रिय रूप से लिप्त है । शराब बंदी नहीं है, बल्कि अपना स्वरूप बदल लिया है। होम डिलिवरी के माध्यम से लोगों तक शराब की बोतलें ऊँचे दाम पर घर पहुंच रही है। नेपाल, बंगाल, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश से सटे सीमावर्ती जिलों में यह भयावह स्थिति में है। अवैध शराब माफियाओं का बोलबाला है।
इस बात पर जब जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से परिवाद करती है तो नीतीश, जिन्हें अपनी पीठ खुद थपथपाना बेहद पसंद है, शराबबंदी को ठोस रूप से कार्यान्वित करने की बजाय उन पर ही बरस पड़ते हैं। वे यह सुनना या समझना ही नहीं चाहते कि लोग शराबबंदी कानून जैसे सकारात्मक पहल का स्वागत करते हैं, उनकी शिकायत है इसके त्रुटिपूर्ण और असफल क्रियान्वयन से। घोषणा मात्र से कुछ नहीं होता, तंत्र को सुदृढ़ करना भी मुख्यमंत्री का ही उत्तरदायित्व है।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को नशामुक्ति दिवस पर ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग हमारे विरुद्ध हो गए हैं। शराब की होम डिलिवरी का आरोप लगाया जाता है। पर होम डिलिवरी की बात वही लोग करते हैं जिनको घर में शराब मंगाने और पीने की आदत होती है।
मद्य निषेध पर उंगली उठाने वालों से चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जब तक हम हैं, राज्य में कोई मद्य निषेध को समाप्त नहीं कर पाएगा। मद्य निषेध से किसी भी मूल्य पर समझौता नहीं किया जाएगा।
नीरा (ताड़ी) के व्यवसाय को प्रारंभ किया जाएगा
सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत शराब व्यवसाय से जुड़े 11590 परिवारों की पहचान करके उनको दूसरे तरह का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। शीघ्र ही नीरा (ताड़ी) के व्यवसाय को पुनः प्रारंभ किया जाएगा।
सुशील कुमार मोदी को लोगों ने दिखाया सच्चाई का आइना
वहीँ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्विट करके लिखा कि कुछ लोग भले ही शराबबंदी का उपहास उड़ा लें, लेकिन किसी में भी हिम्मत नहीं है शराब का सेवन कर सड़क पर निकलने की।समाज में हमेशा से देव-दानव और अच्छाई- बुराई के बीच जंग रही है। शराब जैसी बुराई का किसी भी शर्त पर समर्थन नहीं किया जा सकता है।
उनके इस शुतुरमुर्गी बयान को लोगों ने आड़े हाथों लिया और सचाई से मुख मोड़ने के लिए खूब खरी खोटी सुनाई।
बिहार के धरती पर इस महारत्न की उत्पति कब हुए थी।
— जितेन्द्र कुमार सिंह (@imjksingh_IN) November 26, 2019
शराब की अब भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। हमारा पड़ोसी रोज पीकर आता है और टोल फ़्री पर शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।
महाराज अब शराब घर पर पहुंच रहा है।
— राजीव रंजन झा दिग्गज (@rajeevicaktr) November 26, 2019
गरीब लोग जेल में हैं
अमीर पैसे के बल पर छूट जाते हैं।