आए दिन न जाने ऐसे कितने मामले सामने आते हैं जब डॉक्टरों की लपारवाही के चलते मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है। ऐसे मामलों को देखते हुए कैबिनेट ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी है। ये विधेयक एमसीआई के स्थान पर लगाया जाएगा। इसके तहत डॉक्टरों को एमबीबीएस की डग्री लेने के बाद प्रैक्टिस करने के लिए कॉमन नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) पास करना होगा। इस टेस्ट को पास करने के बाद ही डॉक्टर प्रैक्टिस कर पाएंगे।
बताया जा रहा है कि इस टेस्ट के जरिए डॉक्टरों की गुणवत्ता को सुधारा जाएगा। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा नेक्सट के मार्क्स के आधार पर ही छात्र पीजी में एडमिशन ले पाएंगे। इसके अलावा अग कोई विदेश में पढ़ाई करना चाहता है तो उसे भी अब से यही परीक्षा देनी होगी।
शिक्षा के क्षेत्र में कैबिनेट ने जो अहम फैसले लिए हैं उनमें प्राइवेट कॉलेजों की फीस पर लगाम लगाना भी शामिल हैं। इस फैसले के तहत, प्राइवेट और डीम्ड मेडिकल कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों पर सरकार फीस तय करेगी ताकि बेलगाम फीस पर लगा लग सके।
कैंबिनेट के फैसलों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन ने कहा, मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में सधारों की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार।