आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन वी रमन्ना पर पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया है। रेड्डी ने मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय में नबंर 2 जज एन.वी.रमन्ना, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू संग मिलकर सरकार गिराने के प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जगनमोहन ने आरोप लगाया कि न्यायाधीश रमन्ना की बेटियां भूमि की खरीद-बिक्री में सम्मिलित रहीं और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से जुड़े मामलों में सुनवाई प्रभावित की।
सीजेआई को यह चिट्ठी 6 अक्टूबर को लिखी गई थी और इसे हैदराबाद में मीडिया के सामने शनिवार को जगनमोहन के प्रमुख परामर्शदाता अजेय कल्लम की तरफ से जारी किया गया था। चिट्ठी में उन मौकों का भी उद्दरण किया गया है, जब तेलुगुदेशम पार्टी से जुड़े मामलों को कुछ जजों की सौंपा गया। इसके अतिरिक्त इसमें कहा गया, ‘मई 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासन पर बैठने के बाद से जबसे चंद्रबाबू नायडू की सरकार की ओर से जून 2014 से लेकर मई 2019 के बीच की गई सभी तरह के लेनदेन की जांच के आदेश दिए गए हैं, तबसे न्यायाधीश एनवी रमना राज्य में न्याय प्रशासन को प्रभावित करने में जुटे हैं।’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि भूमि लेन-देन को लेकर राज्य के पूर्व अधिवक्ता जनरल दम्मलपति श्रीनिवास पर जो जांच बैठी, उस पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी, जबकिभ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उनके विरुद्ध प्राथमिकी तक दायर की थी। विदित हो कि 15 सितंबर को ही उच्च न्यायालय ने मीडिया को एसीबी की तरफ से पूर्व अधिवक्ता जनरल पर दर्ज की गई प्राथमिकी की विस्तृत रिपोर्ट करने से रोक दिया था। यह प्राथमिकी श्रीनिवास पर अमरावती में भूमि खरीद को लेकर दर्ज हुई थी।
अपने आरोप में मुख्यमंत्री जगनमोहन ने कहा कि न्यायाधीश रमन्ना सरकार को अस्थिर करने में नायडू का साथ दे रहे हैं। वह उच्च न्यायालय के कार्य में दखलअंदाजी कर रहे हैं और जजों को प्रभावित कर रहे हैं। रेड्डी के अनुसार रमन्ना ऐसा टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के हितों के संरक्षण के लिए कर रहे हैं और वे वर्तमान सरकार को गिराना चाहते हैं।