नई दिल्ली – इस वर्ष देश में मानसून सामान्य रहेगा अर्थात गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी अतिवृष्टि की सम्भावना है। पिछले वर्ष भी देश में मानसून सामान्य रहा था।
मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि इस वर्ष भी मानसून तय समय पर आ जाएगा। एक जून तक केरल पहुंचेगा।
सामान्य मानसून की स्थिति अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होती है क्योंकि फसलों की पैदावार बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होती है। कृषक अपनी आवश्यकता की सामग्री जैसे दैनिक उपयोग में वाली वस्तुएं जैसे – पोशाक, जूते , कृषि उपकरण, साईकिल, मोटरसाईकिल आदि क्रय करते हैं।
कोरोना की मार झेल रहे और विश्वव्यापी आर्थिक मंदी के दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था के निरंतर गिरावट में कुछ विराम लग सकता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने अपने पहले अनुमान में कहा कि एक जून से प्रारंभ होने वाले मानसून में 100 प्रतिशत वर्षा होने का अनुमान है। राजीवन ने यह भी जोड़ा कि इस अनुमान में त्रुटियों को ध्यान में रखते हुए अनुमानित आंकड़ों में ±5 प्रतिशत के परिवर्तन की सम्भावना हो सकती है।
चार महीने का दक्षिण पश्चिम मानसून प्रत्येक वर्ष जून से लेकर सितंबर तक रहता है। इन चार महीनों में अतिवृष्टि होती है। चार महीने चलने वाले इस मौसम में लगभग 75 प्रतिशत वर्षा होती है।