कोरोनावायरस, जिसने पिछले नवंबर में चीन में अपने पहले शिकार को संक्रमित किया था, अब तक विश्व में १५ लाख से भी अधिक लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस वायरस को पहले कभी मनुष्यों में नहीं पाया गया है जिससे कई लोगों ने इसे एक अलौकिक मूल के संकेत के रूप में लिया है।
फरवरी के महीने से ही इस्लाम धर्म के कई उपदेशक और अनुयायी इस बात का ढिंढोरा पीट रहे थे कि कोरोना ‘कुरान’ से आया है जिसके कारण अल्लाह का यह ‘कहर’ सिर्फ ‘काफिरों’ पर ही टूटेगाऔर मुस्लिम समुदाय पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस वैश्विक महामारी के प्रकोप के बीच अब कई लोगों ने कोरोनवायरस से संबन्धित एक ‘भविष्यवाणी’ साझा की है जिसका श्रेय उन्होंने नास्त्रेदमस को दिया है।
नास्त्रेदमस के अनुयायियों ने सोलहवीं शताब्दी के इस प्रसिद्द फ्रांसीसी ज्योतिषी को 1666 में हुए लंदन की आग (Great Fire of London) से लेकर द्वितीय विश्व युद्ध के आरम्भ होने तक का सही अनुमान लगाने का श्रेय दिया है। वह अब यह भी दावा कर रहे हैं कि नास्त्रेदमस ने लगभग 500 साल पहले कोरोवायरस महामारी के बारे में बता दिया था।
उनके अनुसार, तथाकथित “ट्विन ईयर” यानी “जुड़वां वर्ष” भविष्यवाणी दुनिया को नष्ट और विध्वंस करने के लिए “पूर्व में उगने वाले प्लेग की बात करती है”।
नास्त्रेदमस ने अपनी अधिकांश भविष्यवाणियों को क्वैटरिन (चार पंक्तियों का एक छंद) के रूप में लिखा है। उनका अधिकांश काम 1555 की पुस्तक लेस प्रोफेटिज (Les Prophéties) में प्रकाशित हुआ था, जिसके लिए वह सबसे ज्यादा जाने जाते हैं।
एक व्यक्ति ने ट्विटर पर कहा: “नास्त्रेदमस ने 1551 में कोरोनोवायरस की भविष्यवाणी की थी? जैसा कि आप जानते हैं कि यह विश्व अर्थव्यवस्था का अंत होगा”
एक अन्य व्यक्ति ने कहा: “आप सभी ने #Nostradamus पढ़ा है? मैं आम तौर पर पुराना साहित्य नहीं पढ़ता हूँ, लेकिन हाँ, मुझे लगता है कि शायद #कोरोनोवायरस कुछ ऐसा है जिसकी भविष्यवाणी की गई थी।”
एक तीसरे ट्विटर उपयोगकर्ता ने कहा: “फ्रांसीसी ज्योतिषी नास्त्रेदमस ने 16वीं शताब्दी के प्रारंभ में ही कोरोनावायरस के बारे में भविष्यवाणी कर दी थी।”
नास्त्रेदमस “जुड़वां वर्ष की भविष्यवाणी” क्या है?
माना जाता है कि नास्त्रेदमस ने 1551 में लिखा था कि “एक जुड़वां वर्ष (2020) होगा, जिसमें से एक रानी (कोरोना) पैदा होगी जो पूर्व (चीन) से आएगी और जो रात के अंधेरे में एक प्लेग (वायरस) फैलाएगी। 7 पर्वतों वाला देश (इटली) और दुनिया को नष्ट करने और विध्वंश फ़ैलाने के लिए पुरुषों की सांझ को धूल (मृत्यु) में बदल देगा।”
इस अनुच्छेद को इंटरनेट पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है, जिसमें नास्त्रेदमस की एक तस्वीर संलग्न है।
परन्तु इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि नास्त्रेदमस ने कभी इन शब्दों का प्रयोग किया। लेस प्रोफेटिज में कहीं भी उपरोक्त अनुच्छेद का उल्लेख नहीं है और कोरोनोवायरस महामारी से पहले कहीं भी अनुमानित भविष्यवाणी प्रकट नहीं हुई है।
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों को छोटे, चार-पंक्ति वाले छंदों में लिखा गया था न कि ऐसे लंबे और विस्तृत अनुच्छेदों में। इसके अतिरिक्त नास्त्रेदमस ने बहुत अस्पष्ट और गूढ़ शब्दों में लिखा, जिससे उनकी भविष्यवाणियां विविध प्रकार की व्याख्याओं के लिए खुली रहीं।
ऑनलाइन तथ्य जांच करने वाली वेबसाइट स्नोप्स के अनुसार, यह भविष्यवाणियां वास्तविक नहीं हैं।
स्नोप्स के अनुसार: “नास्त्रेदमस ने बहुत सारी चीजें बातें इतनी सामान्य और अस्पष्ट लिखीं – कि थोड़ी कल्पना और मूल फ्रांसीसी के कुछ उदार व्याख्याओं की सहायता से – लोग यह दावा किया करते हैं कि उन्होंने सोलहवीं शताब्दी के मध्य के बाद लगभग सभी महत्वपूर्ण घटनाओं की भविष्यवाणी की है।”
“लेकिन यह विशेष रूप से वायरल भविष्यवाणी क्वैटरिन के रूप में व्यक्त नहीं की गई है, और न ही हमें ऐसा कुछ मिल पाया, जैसा कि ‘लेस प्रोफेटिज’ में प्रकाशित हुआ था।”
“हमें 2020 की घटनाओं से पहले इस कथित भविष्यवाणी का कोई उल्लेख नहीं मिला, जो साधारनतया इंगित करता है कि यह झूठ है।”
इस बात का समर्थन करने के लिए भी कोई साक्ष्य नहीं है कि नास्त्रेदमस एक दिव्यदृष्टा थे क्योंकि लोगों ने नास्त्रेदमस के लेखन को वास्तविक दुनिया की घटनाओं में हो जाने के बाद ही जोड़ा है।