प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को प्रमुख उद्योगपतियों और सीईओ के साथ भेंट की। इनमें रतन टाटा, मुकेश अंबानी और गौतम अदाणी समेत 11 दिग्गज सम्मिलित थे। बैठक में आर्थिक विकास दर और रोजगार के मौके बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई। इस पर्यंत मोदी ने कहा कि सरकार की प्रशंसा करने के बनिस्पत अर्थव्यवस्था की कमियां दूर करने के लिए राय दें। इस बैठक का यही मकसद है। बैठक में सम्मिलित 8 प्रमुख उद्योगपतियों की कंपनियों की नेटवर्थ 6 जनवरी को करीब 27 लाख करोड़ रुपए थी।
मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज | 3.70 लाख करोड़ | गौतम अदाणी, अदाणी ग्रुप | 1.13 लाख करोड़ | सुनील भारती मित्तल,भारती एयरटेल | 54,720 करोड़ | सज्जन जिंदल, जेएसडब्ल्यू ग्रुप | 41,760 करोड़ | अनिल अग्रवाल, वेदांता | 23,760 करोड़ | बाबा कल्याणी, भारत फोर्ज | 14,904 करोड़ | आनंद महिंद्रा, महिंद्रा ग्रुप | 11,680 करोड़ | वेणु श्रीनिवासन, टीवीएस ग्रुप | 383 करोड़ | रतन टाटा, टाटा ग्रुप | एन चंद्रशेखरन, टाटा सन्स | अनिल नायक, लार्सन एंड टूब्रो |
(नेटवर्थ फोर्ब्स की 2018-19 की सूचि के मुताबिक। फोर्ब्स ने टाटा, एन चंद्रशेखरन और अनिल नायक की निजी नेटवर्थ नहीं बताई)
मोदी ने पिछले दिनों भी इंडस्ट्री के लोगों के साथ मीटिंग की थी। पिछली बैठक में कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक, टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन, एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार और एचडीएफसी बैंक के एमडी आदित्य पुरी भी सम्मिलित थे। मोदी अर्थव्यवस्था की जमीनी हकीकत जानने के लिए यह बैठकें कर रहे हैं।
जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि घटकर 4.5% रह गई। आरबीआई और रेटिंग एजेंसियों ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही और पूरे वर्ष की वृद्धि का अनुमान भी घटा दिया है। दूसरी ओर इंडस्ट्री के कुछ लोगों ने कहा था कि वृद्धि बढ़ाने के लिए सरकार को इंडस्ट्री से राय लेनी चाहिए।