राज्य के लगभग 75 हजार स्कूलों के बच्चों ने शुक्रवार को प्रार्थना सभा में खेतों में पुआल नहीं जलाने की शपथ ली। पुआल जलाने से प्रदूषण सहित होने वाली समस्याओं की जानकारी दी गई। कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि कृषि विभाग के सहयोग से सभी राजकीय स्कूलों में बच्चों ने पुआल नहीं जलाने की शपथ ली है। इस कार्यक्रम में विभाग के राज्य के प्रमंडल स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने क्षेत्र के स्कूल में पहुंच कर बच्चों के साथ ही स्वयं भी शपथ ली।
कृषि मंत्री ने कहा कि इससे समाज में लोग जागरूक होंगे। पुआल नहीं जलेगा, बल्कि इसके प्रबंधन में भी मदद मिलेगी। कृषि विभाग विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक कर रहा है। पुआल प्रबंधन से जुड़े कृषि यंत्रों पर 75 से 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। हैपी सीडर, स्ट्रां बेलर, स्टां रीपर, कंबाइन, रोटरी मल्चर, रीपर कम बाइंडर पर किसान 75 से 80 प्रतिशत अनुदान ले सकते हैं।
विभाग ने पुआल जलाने वाले किसानों को चिह्नित कर दंडित करने का निर्णय लिया है। इसके बावजूद नालंदा, पटना, रोहतास और कैमूर के कुछ क्षेत्रों से पुआल जलाने की सूचना विभाग को मिली है। जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक दिन पुआल जलाने की घटना के साथ रिपोर्ट दे।