जहाँ विश्व कोरोनावायरस महामारी के संकट से जूझ रहा है पाकिस्तान द्वारा भारत के विरूद्ध एक भिन्न प्रकार का षड़यंत्र चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया माध्यमों जैसे ट्विटर और फेसबुक पर भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक समन्वित प्रयास द्वारा लक्षित किया जा रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस सुनियोजित आक्रमण के पीछे पाकिस्तानी गुप्तचर संसथान आइएसआई के होने के संकेत दिए हैं।
बुधवार को सरकार को सौंपे गए एक आकलन के अनुसार, इस प्रयास का उद्देश्य सोशल मीडिया पर भारत विरोधी भावनाएं भड़काकर, विदेशों – विशेषकर खाड़ी देशों में, “भारत में इस्लामोफोबिया” का झूठा प्रचार किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी गुप्त एजेंसियां, प्रधानमंत्री मोदी पर आक्रमण करके खाड़ी देशों में भारत और उसके करीबी सहयोगी देशों के बीच एक वैमनस्य लाने का प्रयास कर रहा है। विदित हो कि भारत ने मध्य-पूर्व देशों के साथ अपने मैत्री संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए भारी निवेश किया है।
इस रिपोर्ट के मूल्यांकन में पाकिस्तान और खाड़ी देशों में ट्रोल हैंडल की एक लंबी सूची सम्मिलित है जो इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए जा रहे थे। यही नहीं इसके लिए भारत स्थित कई कट्टर इस्लामी और दुष्प्रचार करने वाले उपयोगकर्ताओं का भी प्रयोग किया जा रहा है।
यद्यपि भारत को लक्षित करके सोशल मीडिया संदेशों में दुष्प्रचार करने वाला यह पहला मामला नहीं है।
गत वर्ष इसी तरह के नियोजित दुष्प्रचार पर सुरक्षा अधिकारियों का ध्यान आकर्षित हुआ था जब भारतीय संसद ने जम्मू और कश्मीर को लेकर संविधान के अंतर्गत विशेष दर्जा देने वाले कानून में बदलाव किया गया तथा एक संचार तालाबंदी के अंतर्गत रखा।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करने के पश्चात सोशल मीडिया पर और अन्य मंचों पर भी पाकिस्तान ने भारत को नीचा दिखाने का भरपूर प्रयास किया परन्तु असफल रहा।
इस बात के भी पर्याप्त साक्ष्य हैं कि किस तरह से पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित नए आतंकी समूहों ने श्रीनगर में पहला आक्रमण करने से पहले ही सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी। भारत विरोधी ऐसे कई तथाकथित कश्मीरी उपयोगकर्ता कश्मीर में “सक्रिय” थे जबकि कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध था।
“तात्कालिक मामले में नवीनता है कि नकली प्रचार के एक व्यवस्थित एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए खाड़ी देशों के कुछ प्रमुख हस्तियों का उपयोग किया गया है। इस प्रयास में पाकिस्तान आईएसआई की भागीदारी के स्पष्ट संकेत हैं,” भारत को लक्षित करने वाले ट्वीट के विश्लेषण का हवाला देते हुए एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने एक राष्ट्रीय समाचार पत्र को बताया।
पाकिस्तानी संस्थाओं द्वारा संचालित हैशटैग ShameOnModi, ChaosInIndia, HindutvaVsArabWorld #Islamophobia_In_India आदि चलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाने वाले इस अभियान को भारत में मुस्लिम व्यक्तियों के विरूद्ध पृथक घटनाओं या उत्पीड़न की वीडियो क्लिप को व्यवस्थित रूप से संचालित किया गया जा रहा है ताकि पूरे भारतीय समुदाय पर आक्रमण किया जा सके।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा विश्लेषण किए गए इस दुष्प्रचार अभियान का मूल्यांकन करने के लिए ट्विटर हैंडलों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – एग्रीगेटर्स (सन्देश जमा करने वाले), फीडर (प्रदायक व प्रोत्साहक), स्प्रेडर्स (प्रसारित करनेवाले) और इन्फ़्लुएन्सर्स (प्रभावित करने वाले)।
फीडर के रूप में वर्गीकृत किए गए ट्विटर हैंडल एग्रीगेटरों से वीडियो एकत्र करते हैं, वीडियो या तस्वीरों के लिए उपयुक्त संदेश भेजते हैं और फिर इसे प्रसारकों को अग्रेषित करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह संयोग नहीं है कि इनमें से अधिकांश फीडरों के ट्विटर हैंडल हाल ही में – जनवरी और अप्रैल के बीच बनाए गए थे – और संकेत दिया कि भारत को लक्षित करने के लिए यह एक स्पष्ट योजना और संगठित प्रयास है।
स्प्रेडर्स के रूप में वर्गीकृत किए गए कई हैंडल पाकिस्तान आधारित हैं।
इन हैंडलों ने, जिनमें अधिकांश २० वर्ष की आसपास की आयु के लड़कियों के चित्र लगाए थे, मंगलवार को ट्विटर पर सर्वप्रथम प्रख्यात कवि इकबाल को याद करते हुए कुछ पोस्ट किए थे। इकबाल के प्रशंसक भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में है। फिर, एक नियोजित चाल के अंतर्गत वे सभी औसतन प्रत्येक तीन मिनट में एक ही हैशटैग के साथ ट्वीट करने लगे। दिन के अंत तक, एक उपयोगकर्ता ने एक ही हैशटैग से 200 से अधिक ट्वीट और रीट्वीट पोस्ट किए थे।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार खाड़ी देशों जैसे कि बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के विभिन्न देशों में स्थित प्रसारकर्ता भी थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सभी पुराने लेकिन असत्यापित ट्विटर हैंडल हैं।
इस रिपोर्ट में ऐसे ट्विटर हैंडलों को सूचीबद्ध भी किया गया जिन्होंने कई वर्ष पुराने चित्र व वीडिओ भड़काने के लिए प्रयोग किया है।