अयोध्या भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय के निर्णय को लेकर अनुचित प्रोपेगेंडा फैलाने पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनजीए) में पाकिस्तान को फटकार लगाई। गुरुवार को कला्पसंख्यक मामले के फोरम के 12वें सत्र में भारतीय राजनयिक विमर्शआर्यन ने कहा कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर धार्मिक-भाषाई कला्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया जाता है। शीर्ष न्यायालय ने 9 नवंबर को 134 वर्ष पुराने अयोध्या मामले में निर्णय दिया था। इसमें 2.77 एकड़ विवादित भूमि राम मंदिर बनाने और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में 5 एकड़ भूमि देने का आदेश दिया था।
राइट यू रिप्लाई का प्रयोग करते हुए आर्यन ने कहा, ”भारत एक सुदृढ़ लोकतंत्रिक देश है, जहां स्वतंत्र और प्रभावी संवैधानिक प्रक्रिया है। यहां धार्मिक और भाषाई कला्पसंख्यकों के लिए पूरी स्वतंत्रता है। हमारे न्यायिक फैसलों पर पाकिस्तान की टिप्पणी स्वीकार करने योग्य नहीं है। वह यूएन के फोरम का अनुचित प्रयोग कर रहा है।,,
आर्यन ने कहा, ''दुनिया अच्छी तरह जानती है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा कानूनों के कारण धार्मिक, नस्लीय, जातीय, सांप्रदायिक और भाषाई कला्पसंख्यकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। इसलिए दुनिया कला्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए किसी ऐसे देश से सीख नहीं लेना चाहती है, जहां लोगों ने कभी सच्चा लोकतंत्र देखा ही न हो।''
उच्चतम न्यायालय ने 9 नवंबर को निर्णय में कहा था कि अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि पर ट्रस्ट के जरिए राम मंदिर बनाया जाए। इसके अतिरिक्त केंद्र या राज्य सरकार मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ भूमि देने का इंतजाम करे।