बिहार में भी कोरोना के गंभीर रोगी को प्लाज्मा थेरेपी मिलेगी। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद् ने इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना को स्वीकृति दी है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने यह सूचना दी।
संक्रमण होने पर पीड़ित व्यक्ति के शरीर में इसके विरुद्ध एंटी बॉडी बनती है। एंटी बॉडी विषाणु को समाप्त कर देती है। रोगी के ठीक होने के बाद भी उसके खून में कोरोनावायरस के विरुद्ध बनी एंटी बॉडी रहती है। ठीक हुए रोगी का खून लिया जाता है और उससे प्लाज्मा पृथक करते हैं। एंटी बॉडी प्लाज्मा में रहती है। इस प्लाज्मा से कोरोना के रोगी का उपचार किया जाता है।
पटना के वरीय फिजिशियन डॉo राजीव रंजन का कहना है कि प्लाज्मा थेरेपी से रोगक्षमता बढ़ाई जाती है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। कोरोना के कॉम्प्लीकेशन से बचाव हो सकता है क्योंकि कोरोना के गंभीर रोगियों में ऑर्गन फेल्योर की आरोप रहती है। कुछ रोगियों पर प्रयोग किए जाने पर श्रेष्ठतर परिणाम मिले हैं।