सरकार ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के लिए अधिकृत पूंजी 3,500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपए करने की मंजूरी बुधवार को दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) की बैठक में ये मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक वर्ष और बढ़ाने की मंजूरी दी भी दी। खाद्यान खरीद, वितरण के लिए एफसीआई सरकार की नोडल एजेंसी
सरकार का कहना है कि अभी पूंजी बढ़ाने के साथ ही बजट में भी अतिरिक्त पूंजी का प्रावधान किया जा सकता है, ताकि एफसीआई को खाद्यान भंडारण के लिए राशि मिल सके। अतिरिक्त पूंजी मिलने से एफसीआई को कर्ज कम करने और ब्याज की राशि बचाने में भी मदद मिलेगी।
खाद्यान की खरीद और वितरण के लिए एफसीआई सरकार की नोडल एजेंसी है। फूड कॉर्पोरेशंस एक्ट 1964 के अंतर्गत इसका गठन किया गया था। इसका प्राथमिक उद्देश्य किसानों के लिए फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना, खाद्यान का बफर स्टॉक रखना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत खाद्यान वितरण करना है।
कैबिनेट ने 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल एक वर्ष और बढ़ाने की मंजूरी दी भी दी। वर्तमान इसका कार्यकाल 30 अक्टूबर 2020 तक रहेगा। वित्त आयोग का कार्यकाल पिछले महीने की 30 तारीख को खत्म होने से पहले ही एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। वित्त आयोग केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कर और अन्य संसाधनों के बंटवारे पर सिफारिशें देगा।