नई दिल्ली – आज लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण की योजना से सदन तो अवगत कराया। उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मस्थली पर भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए एक वृहद योजना तैयार की गयी है। ‘श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ नामक स्वायत ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में “श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी और यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्णरूपेण स्वतंत्र होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने अयोध्या कानून के अंतर्गत अधिग्रहीत 67.70 एकड़ भूमि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का निर्णय किया है। बुधवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही आरम्न्भ होते ही प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा को बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आलोक में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ भूमि देने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया था और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे स्वीकृति दे दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें आज इस सदन को और पूरे देश को यह सूचना देते हुए प्रसन्नता हो रही है। मंत्रिमंडल की बैठक में न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम के मंदिर के निर्माण और अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की गयी है।
उन्होंने कहा कि 9 नवंबर, 2019 को मैं करतारपुर गलियारे के लोकार्पण के लिए करतारपुर में था। गुरुनानक देवजी का 550वां प्रकाश पर्व था और बहुत ही पवित्र वातावरण था। उसी दिव्य वातावरण में मुझे देश की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राम जन्मभूमि के विषय पर दिये गये ऐतिहासिक निर्णय के बारे में पता चला था।
मोदी ने कहा कि नौ नवंबर को निर्णय आने के बाद सभी देशवासियों ने बहुत परिपक्वता का उदाहरण दिया था और वह इसके लिए देशवासियों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हर पंथ के सभी लोग एक वृहद परिवार के सदस्य हैं। इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वे सुखी और स्वस्थ हों, इस दिशा में उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ कार्य कर रही है।
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा के बाद जय श्री राम के उद्घोष से सदन गूँज उठा।
“श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना जारी
‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे जिनमें से एक दलित समाज से होगा।
यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
8 सदस्य स्थाई और 7 सदस्य नामित होगें।
ट्रस्ट के सदस्यों में राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन मिश्र भी हैं।
इस ट्रस्ट का मुख्य दफ्तर दिल्ली के ग्रेटर कैलाश के पार्ट-1 में स्थित होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय- आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-एक, नई दिल्ली-110048 (R-20, Greater Kailash Part -1, New Delhi, 110048) है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार नौ फरवरी तक सरकार को ट्रस्ट बनाना था । इस प्रकार उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवधि समाप्त होने के चार दिन पहले सरकार ने ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने की सूचना दी है।