पटना : हॉलमार्किंग के बिना सोने के गहने बेचने वाले सर्राफा कारोबारियों पर जेल और जुर्माना की कार्रवाई होगी। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि
स्वर्ण आभूषणों की शुद्धता को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 15 जनवरी को अधिसूचना जारी कर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है। इसके क्रियान्वयन के लिए 15 फरवरी, 2021 तक की समय सीमा रखी गयी है। इसके बाद बिना हाॅलमार्किंग के जो भी स्वर्ण आभूषण बेचेगा, उस पर जुर्माना और जेल जैसा कठोर दंड दिया जायेगा। लोगों को जागरूक करने के लिए देश भर में अभियान भी चलाया जायेगा। इसके लिए सोशल मीडिया की भी सहायता ली जायेगी। यह समय ज्वेलरों, स्वयंरा विक्रेताओं को पुराना और मौजूदा स्टॉक को बेचने के लिए दिया गया है। ज्वेलरों की पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक वर्ष के अंदर ही निजी उद्यमियों द्वारा मांग वाले स्थानों पर ऐसेईंग एवं होलमार्किंग केंद्र की स्थापना की जायेगी। 31 दिसंबर, 2019 तक देश के 234 जिलों में इनकी संख्या 892 हैं। अब तक देश में 28849 ज्वेलरी हाउस का बीआइएस के अंतर्गत पंजीकरण हो चुका है। बिहार में इनकी संख्या 813 है। स्वर्ण अाभूषण पर होंगे चार चिह्न स्वर्ण हॉलमार्किंग के लिए मानक में संशोधन कर एक जनवरी, 2017 से लागू किया गया था। हॉलमार्क स्वर्ण आभूषण अब 10 ग्रेडों की जगह केवल तीन ग्रेड (14, 18 व 22 कैरेट) में उपलब्ध है। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए अब ज्वेलरी पर शुद्धता के अतिरिक्त कैरेट भी अंकित किया जाता है। 22 कैरेट के लिए 916 के अतिरिक्त 22 के अंकित किया जायेगा। 18 कैरेट ज्वेलरी के लिए 750 के साथ 18 और 14 कैरेट वाले गहनों के लिए 585 के साथ 14 के अंकित होगा। आभूषणों पर हालमार्क के लिए, अब चार चिह्न- बीआइएस चिह्न, कैरेट में परिशुद्धता और शुद्धता (उदा। 22 के 916), एसेय केंद्र का पहचान चिह्न, ज्वेलर का पहचान चिह्न होगा। 31 मार्च तक वन नेशन वन राशन कार्ड से जुड़ जायेगा बिहार रामविलास पासवान ने कहा कि 31 मार्च तक बिहार को भी &lsquo,वन नेशन वन राशन कार्ड योजना&rsquo, से जोड़ दिया जायेगा। अभी यह 16 राज्यों में लागू है। बिहार में आंशिक रूप से प्रचलन में है। यहां पॉस मशीन का कार्य 91% और आधार फीडिंग का कार्य 76% पूरा हो गया है। पारदर्शिता रखना राज्य सरकार का उत्तरदायित्व है। बिहार में 44 हजार 400 राशन कार्ड नकली पाये गये। इनको डिलीट कर दिया गया है। इससे तीन करोड़ की बचत हुई है। पूरे देश में 15 करोड़ नकली लाभार्थी पाये गये हैं। राज्य में लगभग 46 हजार 800 उचित दर दुकानों में ऑटोमेशन की प्रक्रिया की जा चुकी है।