पटना – राष्ट्रीय जनता दल को अब अपने ही मुखिया लालू प्रसाद अब राजीतिक बोझ लगने लगे हैं। लालू चारा घोटाले के आरोप में रांची में सजा कार रहे हैं। पार्टी इस प्रयास में जुट गयी है कि भ्रष्टाचार के आरोपित लालू की छवि से बेटे तेजस्वी यादव को अलग किया जाए। लालू प्रसाद के साये से निकालकर युवा एवं नई सोच वाले एक नेता के रूप में उभारने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।
यही कारण है कि पटना में राजद की ओर से जगह-जगह लगाए पोस्टरों में लालू और राबड़ी दोनों ही गायब हैं। इन पोस्टरों पर तेजस्वी की अकेली बड़ी सी तस्वीर लगी है।
कई नारों को यहाँ वहां जोड़ नया नारा लिख दिया गया है – “नई सोच – नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार।”
क्योंकि बिहार के मतदाताओं में एक बड़ा वर्ग युवाओं का है उनको रिझाने का प्रयास है।
एक बड़ा पोस्टर जदयू कार्यालय के ठीक सामने राजद कार्यालय के बाहर भी है। इसमें भी मात्र तेजस्वी ही छपे गए हैं।
साधारणतया राजद के पोस्टरों में चेहरों की भीड़ होती है और कई पोस्टरों में सिर्फ लालू परिवार ही दिखाई देते हैं।
दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी निधन से पहले पत्र लिखकर इस ओर सबका ध्यान आकर्षित किया था। उन्होंने लिखा था कि राजद के पोस्टरों में महात्मा गांधी, अंबेडकर, जेपी, लोहिया एवं कर्पूरी ठाकुर जैसे प्रसिद्ध और दिग्गज समाजवादी चेहरों के बदले लालू परिवार के पांच लोगों की तस्वीरें लगाई जाती हैं। रघुवंश बाबू ने यहाँ तक कह दिया था कि यह राजनीतिक पतन का ही संकेत है।