पटना – बिहार जैसे पिछड़े राज्यों में जातीय आधार पर चुनाव होना सामान्य विषय है। यहाँ प्रत्याशियों के चरित्र और कर्म से अधिक जाति गुण को महत्व दिया जाता है। चुनावों में राजनीतिक दल अपने आधार मत वाली जातियों के अधिक प्रत्याशी उतारते हैं। राजद द्वारा ठुकराए जाने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा के अध्यक्ष राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने चुनावी जातीय समीकरण को नया जामा पहनाते हुए कोइरी – अहीर – मुस्लिम – हरिजन मतों पर दृष्टि रखते हुए ६ पार्टियों के नए गठबंधन का निर्माण किया है। नाम भी कम ग्रैंड नहीं है – ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट।
मुख्य घटक दल, रालोसपा कोइरी समुदाय को अपना आधार मतदान मानती है। इनमें से रालाेसपा ही सबसे अधिक सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। तीनाें चरण मिलाकर पार्टी 100 से अधिक सीटाें पर चुनाव लड़ेगी, जिनमें 40% कोइरी प्रत्याशी होंगे। रालोसपा ने पहले चरण में 42 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें से 17 कोइरी प्रत्याशी हैं। पार्टी नेताओं के अनुसार अगले दो चरणों के प्रत्याशियों में भी अधिक कोइरी प्रत्याशी ही होंगे।
उपेंद्र ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में प्रथम चरण चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन 42 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करते हुए बताया कि पार्टी ने सुल्तानगंज से हिमांशु प्रासद, धारैया (सुरक्षित) से शिवशंकर, बांका से कौशल कुमार सिंह, बेलहर से शैलेंद्र कुमार सिंह, तारापुर से जितेंद्र कुमार, मुंगेर से सुबोध वर्मा, सूर्यगढ़ा से गणेश कुमार, शेखपुरा से संकेत कुमार और बरबीघा से मृत्युंजय कुमार को उम्मीदवार बनाया है।
वहीँ मोकामा से धीरज रौशन, बाढ़ से राकेश सिंह, पालीगंज से मधु मंजरी, संदेश से शिवशंकर प्रसाद, बड़हरा से सियामति राय, आरा से प्रवीण कुमार सिंह, अगिआंव (सु) से मनुराम राठौर, तरारी से संतोष कुमार सिंह, शाहपुर से वेद प्रकाश, बक्सर से निर्मल कुमार सिंह और डुमरांव से अरविंद प्रताप शाही रालोसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
गठबंधन के दूसरे घटक दल मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी का आधार मत दलित हैं, लेकिन यहां भी कोइरी प्रत्याशियों पर मुहर लगने की अधिक सम्भावना जताई जा रही है।
इसी गठबंधन के तीसरे घटक, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का आधार मुसलमान हैं। ओवैसी के अधिकांश प्रत्याशी मुस्लिम सामुदाय से ही होंगे। पार्टी मुस्लिम – बाहुल्य क्षेत्रों जैसे – किशनगंज, कटिहार व अररिया में ही अपना भाग्य आजमाएगी।
चौथे घटक पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव के समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक का ध्यान अहीर मतदाताओं को रिझाने का होगा।