टाईकॉन अवॉर्ड समारोह में मंगलवार कोउद्योगपति रतन टाटा (82) को टाईकाॅन मुंबई 2020 लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। उन्हें यह अवॉर्ड काॅर्पाेरेट वर्ल्ड में मूल्याें के पक्षधर इन्फोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति (73) ने दिया। मूर्ति ने टाटा के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। इस मौके पर रतन टाटा ने कहा कि जो स्टार्टअप निवेशकों का पैसा डुबोकर गायब हो जाते हैं उन्हें दूसरा या तीसरा मौका नहीं मिलेगा। स्वयं स्टार्टअप में निवेश करते निवासी टाटा ने यह भी कहा कि पुराने जमाने के बिजनेस धीरे-धीरे कमजोर होते जाएंगे। इनोवेटिव कंपनियों के युवा संस्थापक भारतीय उद्योग जगत के भविष्य के लीडर होंगे।
रतन टाटा का वक्तव्य ऐसे समय आया है जब कई स्टार्टअप्स पर कैश बर्न के आरोप लग रहे हैं। कैश बर्न स्टार्टअप्स के बिजनेस करने के उस तरीके को कहते हैं जिसके अंतर्गत वे भविष्य में लाभ कमाने की उम्मीद में लगातार नुकसान उठाते रहते हैं। इसे ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के उदाहरण से समझा जा सकता है। फ्लिपकार्ट एक समय अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए हर महीने करीब एक हजार करोड़ रुपए व्यय कर रही थी।
टाटा ने कहा, ‘ हमें ऐसे स्टार्टअप मिलेंगे जो ध्यान आकर्षित करेंगे। फिर वे पैसे इकट्ठा करेंगे और गायब हो जाएंगे। ऐसे स्टार्टअप को दूसरा या तीसरा मौका नहीं मिलेगा। स्वयं ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में निवेश कर चुके टाटा ने कहा कि बिजनेस में नैतिकता बरतनी चाहिए। रातों-रात चमकने के तरीके से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन, सलाह, नेटवर्किंग और पहचान की आवश्यकता होती है।
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने कहा कि पेंशन फंड और बैंकों को भी भारतीय स्टार्टअप में निवेश करना चाहिए। सिर्फ चुनिंदा निवेशकों के दम पर स्टार्टअप के लिए सकारात्मक वातावरण नहीं बन सकता। यदि उनके लिए अधिक से अधिक फंड जुटाना है तो पेंशन फंड और बैंकों को निवेश के लिए आगे आना होगा।