विश्व एड्स दिवस कई कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक करते हुए बचाव के भी उपाय बताये जा रहे है। सीमावर्ती क्षेत्रों में जागरूकता और जांच के साथ काउंसिलिंग के कारण एड्स मरीजो के संख्या में कमी देखी जा रही है। हालांकि आज भी सीमावर्ती क्षेत्र के मरीजो को दवा के लिए बंगाल के इस्लामपुर की ओर रूख करना पड़ रहा है। ठाकुरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित आईसीटीसी सेंटर में तैनात सलाह परामर्शी जयशंकर कुमार का कहना है कि ठाकुरगंज अन्तराष्ट्रीय सीमाओं पर स्थित है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर कम होने के कारण लोग जांच के नाम से परहेज करते थे। लेकिन विगत वर्षो से ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग एड्स के बचाव पर बाते करते हुए जागरूकता फैलाने में लगे है। गर्भवती महिलाये भी जांच में आगे आने लगी है। वर्ष 2015 मे पाॅजेटिव पुरूष दस और महिला दस थी। वर्ष 2016 में आठ पुरूष और दस महिला, वर्ष 2017 में पुरूष चार और महिला एक, वर्ष 2018 में पुरूष 11 और महिला 8 थी। वर्ष 2019 के नवंबर माह तक पुरूष दो और महिला दो पाॅजेटिव पाये गये हैं। इस पर्यंत लगभग दस हजार महिला-पुरूषों ने जांच करवाई है।