करीब दो वर्ष से महाजाम से जूझ रहे तीन जिलाें पटना, भोजपुर और सारण की करीब 2 करोड़ की आबादी को अप्रैल से इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। सोन नदी में बन रहे सिक्स लेन पुल की एक आरएचएस लेन का कार्य 15 मार्च तक समाप्त कर देने की डेडलाइन तय हो गई है। इस पुल के आरएचएस में 37 स्पैन हैं, जिनमें 30 का निर्माण पूरा हो गया है।
पुल की लंबाई 1,526 मीटर है। करीब 194 करोड़ की लागत से बन रहे इस सिक्स लेन पुल के डिजाइन में परिवर्तन के कारण इसके निर्माण में बहुत विलंब हुआ है। पहले फोरलेन का था, लेकिन भविष्य की आवश्यकता के मद्देनजर सरकार ने इसे सिक्स लेन कर दिया। इसके साथ ही बिहटा की ओर एप्रोच रोड की भूमि को लेकर हुए विवाद के कारण बहुत समय बर्बाद हुआ।
पटना उच्च न्यायालय ने पटना जिलाधिकारी के यहां लंबित बुद्ध शिक्षा एवं समाज विकास संस्थान की अतिक्रमण अपील को 6 सप्ताह में निष्पादित करने का आदेश दिया। पटना जिलाधिकारी को यह निर्देश 22 अक्टूबर 2019 को दिया गया। न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की पीठ का यह आदेश भी रहा कि इस अपील का निष्पादन होने तक अतिक्रमणवाद से संबंधित भूमि पर यथावत स्थिति बहाल रहेगी।
इस बारे में संस्थान व इसके सचिव मीनू सिंह ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने इसी आदेश के साथ इस याचिका को निष्पादित कर दिया। उच्च न्यायालय से निर्देश मिलने के बाद पटना जिलाधिकारी ने इस विवाद को निपटा लिया और कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
कोईलवर पुल पर वर्षों से गाड़ियों को रोक कर एक-दूसरी तरफ पार कराने की अनुमति रही है। वाहनों के बढ़ते दबाव के कारण यह पुल ऐसे ही बौना सिद्ध होने लगा था। गांधी सेतु व दीघा ब्रिज के निर्णय ने आमलोगों को महाजाम से जूझने को मजबूर कर दिया। भारी वाहन चालकों को 40 किमी की दूरी तय करने में 2 से 3 दिन लग रहे थे, जिससे मजबूर होकर सरकार ने कोईलवर पुल को वनवे कर दिया। लेकिन, निदान नहीं निकला। कोईलवर पुल के वनवे हाेने से डेढ़ वर्ष से ट्रक ऑनर्स व व्यापारियों को जाम से नुकसान हो रहा है।
सोन में स्थित पुराने पुल से फिलहाल दस हजार वाहनों के परिचालन का अनुमान लगाया गया है। बताया जाता है कि इस नए पुल के निर्माण पूरा होने के बाद जैसे ही जाम से मुक्ति मिलेगी, वाहनों की संख्या में इजाफा होगा जो करीब 15 हजार तक पहुंच सकती है।
एजेंसी एसपी सिंघला के अधिकारी केके शाही ने बताया कि हर हाल में 2020 में पुल का कामअंतिम कर सौंप देंगे। वहीं, एनएचएआई के अधिकारी सौरभ कुमार सिंह ने बताया कि भूमि विवाद समाप्त होने के साथ ही कार्य में तेजी लाया गया है।