पटना – बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व विपक्षी महागठबंधन में घमासान जारी है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने गुरुवार को पार्टी की बैठक में महागठबंधन से आगे की राह पर विचार करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को अधिकृत कर दिया गया।
उपेंद्र ने कहा कि यदि राष्ट्रीय जनता दल अपना नेतृत्व बदल दे तो वे फिर महागठबंधन में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजद का तेजस्वी प्रसाद का वर्तमान नेतृत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने टिक नहीं सकता। विदित हो कि इसक पहले आरएलएसपी ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में उपेंद्र कुशवाहा का नाम प्रस्तावित किया था, जिससे राजद ने तुरंत ठुकरा दिया था।
पार्टी का तेजस्वी पर सीधा आक्रमण अब महागठबंधन से विदाई ही मानी जा रही है।
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने रालोस्पा के वक्तव्य को अस्वीकार्य करते हुए इसे दबाव की राजनीति करार दिया।
रालोसपा में विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत सीटों के विभाजन के विषय पर भी राजद द्वारा कोई निर्णय नहीं किए जाने से असंतोष है। रालोसपा का आरोप है कि राजद नेतृत्व एकतरफा निर्णय लेता है जिसके कारण महागठबंधन के दलों के बीच सीटों के प्रश्न सहित कई मामलों में अनिश्चितता है।
राजद द्वारा कोई महत्व न देने पर उपेंद्र वापस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापस जा सकते हैं। यद्यपि, इस बारे में पार्टी अभी चुप है।
इससे पहले तेजस्वी ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में सेंध लगाते हुए पार्टी के कुछ नेताओं को राजद में सम्मिलित कर लिया। युवा आरएलएसपी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद कामरान को मंगलवार को तेजस्वी ने राजद की सदस्यता दिलाई, जिससे उपेन्द्र राजद के प्रति खिन्न थे।