निर्भया केस के चारों दोषियों की डमी को सोमवार को दूसरी बार फांसी दी गई। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने डमी को फांसी देने की प्रक्रिया पूरी की। यह प्रक्रिया दोषी को फांसी देने के पहले की रिहर्सल मानी जाती है। इससे पहले 12 जनवरी को भी चारों दोषियों की डमी को फांसी दी गई थी। चारों दोषियों की डमी उनके वजन के हिसाब से तैयार की गई। दिल्ली न्यायालय ने चारों दोषियों का डेथ वॉरंट जारी कर उन्हें 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया है।
12 जनवरी को हर दोषी के वजन के बराबर पत्थरों और मलबे से डमी बनाई गई थी। उस समय डमी को फांसी देने के लिए जल्लाद नहीं बुलाया गया था और जेल अधिकारियों ने ही इस प्रक्रिया को अंजाम दिया था। उस न्यायालय ने निर्भया के चारों दुष्कर्मियों अक्षय ठाकुर (31), पवन गुप्ता (25), मुकेश सिंह (32) और विनय शर्मा (26) के विरुद्ध डेथ वॉरंट जारी कर उन्हें 22 जनवरी को फांसी देने का आदेश दिया था। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया के चलते पुन: डेथ वॉरंट जारी हुआ और न्यायालय ने अब सभी चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश दिया है। चारों दोषियों को जेल नंबर 3 में फांसी दी जाएगी।
16 दिसंबर, 2012 की रात दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में उपचार के समय उसकी मृत्यु हो गई थी। घटना के नौ महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली न्यायालय ने 5 दोषियों.। राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में उच्च न्यायालय और मई 2017 में उच्चतम न्यायालय ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के समय मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने के कारण से 3 वर्ष में सुधार गृह से छूट चुका है। इस केस में वारदात के 2578 दिन बाद डेथ वॉरंट जारी हुआ। इसके अनुसार चार दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी, लेकिन दोषियों के कानूनी पैंतरों के चलते यह तारीख निकल गई। अब 1 फरवरी को फांसी की नई तरीख तय की गई है।